Saturday, April 26, 2025
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Waqf Amendment Bill पर आर-पार! Congress, SP समेत कई विपक्षी दलों ने विरोध में गाड़ दिया खूंटा; BJP-TDP ने पक्ष में दिया तर्क, जाने क्या होगा अंजाम?

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Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक को काना-फूसी का दौर जारी है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का जिक्र है कि 2 अप्रैल को मोदी सरकार संसद में वक्फ अमेंडमेंट बिल पेश कर सकती है। ऐसे में गहमा-गहमी के पूरे आसार हैं। एक ओर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और लेफ्ट से जुड़ी राजमीतिक पार्टियां हैं, जिन्होंने बिल के विरोध में खूंटा गाड़ दिया है। वहीं BJP, TDP और जेडीयू समेत सत्तारुढ़ गठबंधन में शामिल अन्य पार्टियां Waqf Amendment Bill का समर्थन कर लंबा-चौड़ा तर्क पेश कर रही हैं। ऐसे में विरोध और समर्थन के बीच अंजाम क्या होगा इसको लेकर कई तरह की सुगबुगाहट है। तो आइए हम आपको विस्तार से राजनीतिक दलों के पक्ष बताते हैं।

Congress, SP समेत कई विपक्षी दलों ने Waqf Amendment Bill के विरोध में गाड़ दिया खूंटा!

यूपी की प्रमुख विपक्षी पार्टी सपा के मुखिया अखिलेश यादव का कहना है कि “हम वक्फ अमेंडमेंट बिल के खिलाफ हैं क्योंकि भाजपा हर चीज में हस्तक्षेप करना चाहती है। वे हर जगह नियंत्रण चाहते हैं।”

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी का कहना है कि “Waqf Amendment Bill पर कांग्रेस का रुख बिल्कुल साफ है। जब जेपीसी बनी थी, तब हमने अपनी सारी आपत्तियां रखी थीं, लेकिन उन्हें वहां स्वीकार नहीं किया गया। जब यह (वक्फ संशोधन विधेयक) सदन में आएगा, तो हम इसका उसी तरह विरोध करेंगे, जैसे हमने जेपीसी में किया था।”

शिवसेना यूबीटी की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है कि “हर रविवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू अगले हफ्ते वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश करने की बात करते हैं। या तो वे जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं या वे नहीं चाहते कि विधेयक पेश हो क्योंकि उनके पास पूर्ण समर्थन नहीं है। चिराग पासवान की हालिया टिप्पणियों से संकेत मिलता है कि वह इस विधेयक के लिए भाजपा का समर्थन नहीं कर सकते हैं। भाजपा को यह ध्यान रखना चाहिए कि उनके पास साधारण बहुमत नहीं है। वे अन्य दलों के समर्थन के बिना इसे पारित नहीं कर सकते।”

इमरान मसूद का कहना है कि “विपक्ष के नेता को बोलने नहीं दिया जाता। माइक बंद कर देते हैं। 27 मार्च को फ्लोर लीडर्स ने इस बारे में स्पीकर को पत्र लिखा। हम बोलना शुरू करते हैं, माइक बंद कर देते हैं। वक्फ विधेयक असंवैधानिक है, यह संविधान की कई धाराओं को ओवरलैप करता है। संविधान की धाराओं को ओवरलैप नहीं किया जा सकता। यह संविधान द्वारा हमें दिए गए हमारे अधिकारों पर हमला है…विपक्ष को कुचला जा रहा है। वे हमें बोलने नहीं देते।”

राजद, लेफ्ट, डीएमके भी Waqf Amendment Bill के खिलाफ हैं।

BJP-TDP ने वक्फ अमेंडमेंट बिल के समर्थन में दिया बड़ा तर्क!

सरकार में सहयोगी दल टीडीपी के प्रवक्ता प्रेम कुमार जैन का कहना है कि “पूरा मुस्लिम समुदाय वक्फ संशोधन विधेयक के पेश होने का इंतजार कर रहा है। हमारी पार्टी इसका समर्थन करेगी। चंद्रबाबू नायडू पहले ही कह चुके हैं कि हम मुस्लिम समुदाय के हितों के लिए काम करेंगे। कल विधेयक पेश किया जाएगा, उसके बाद ही हम इस पर कोई टिप्पणी करेंगे। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि चंद्रबाबू नायडू मुसलमानों के पक्ष में हैं।”

बीजेपी सांसद और जेपीसी चीफ जगदंबिका पाल का कहना है कि “चाहें कांग्रेस हो, समाजवादी पार्टी हो, ओवैसी हो, टीएमसी हो या विपक्षी दल, वे मुसलमानों को वोट बैंक समझते हैं। तुष्टिकरण की राजनीति में ये लोग ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के साथ खड़े हैं। AIMPLB शुरू से ही तय किया है कि वे Waqf Amendment Bill का विरोध करेंगे। हमें उम्मीद है कि बिल आएगा और पास होगा क्योंकि इससे गरीब मुसलमानों और पसमांदाओं को फायदा होगा।”

केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि “सरकार हर विधेयक पेश करती है, वक्फ अमेंडमेंट बिल के साथ भी ऐसा ही करेगी। कांग्रेस को समझना चाहिए कि संविधान के खिलाफ कोई भी विधेयक संसद में नहीं लाया जाता।” ऐसे में ये स्पष्ट है कि तमाम विरोध के बीच भी मोदी सरकार सदन में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने को तैयार हैं। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि केन्द्र इसे कैसे पास कराता है और बिल पेश होने के बाद अंजाम क्या होता है।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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