Priyank Kharge: कर्नाटक की सत्ता से निकली बयान रूपी चिंगारी का असर महाराष्ट्र समेत देश के अन्य राज्यों में भी देखने को मिल रहा है। यहां बात कर्नाटक सरकार में मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड्गे के बेटे प्रियांक खड्गे के एक बयान के संदर्भ में हो रही है जिसमें उन्होंने आरएसएस को बैन करने की बात कही है।
हालांकि, अब प्रियांक खड्गे यू-टर्न लेते नजर आ रहे हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैंने RSS पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहाँ कहा है? इसके साथ ही बीजेपी नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए प्रियांक खड्गे ने कहा कि “उनके बच्चे आरएसएस की शाखाओं में क्यों नहीं हैं? वे गौरक्षक और धर्मरक्षक क्यों नहीं बन रहे हैं?” कांग्रेस नेता के बयान को लेकर अब नए सिरे से सियासी संग्राम छिड़ता नजर आ रहा है।
मंत्री Priyank Kharge के बयान पर सियासी संग्राम!
कांग्रेस नेता प्रियांक खड्गे द्वारा आरएसएस पर बैन लगाने की मांग वाले बयान ने तूल पकड़ लिया है।
इसके बाद मंत्री प्रियांक ने लगभग यू-टर्न लेते हुए कहा कि “मैंने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहाँ कहा है? वे सरकारी कॉलेजों, स्कूलों, विश्वविद्यालयों, मैदानों और पुरातात्विक स्थलों का इस्तेमाल किस लिए कर रहे हैं? वे छोटे बच्चों के दिमाग में जहर भर रहे हैं। मुझे किसकी प्रार्थना करनी है, मुझे क्या खाना चाहिए, क्या पहनना चाहिए। ये मेरे माता-पिता मुझे घर पर सिखाएँगे।”
प्रियांक खड्गे ने केन्द्र की सत्तारुढ़ दल से जुड़े लोगों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि “बीजेपी नेताओं के बच्चे आरएसएस की शाखाओं में क्यों नहीं हैं? वे गौरक्षक और धर्मरक्षक क्यों नहीं बन रहे हैं? वे गौमूत्र क्यों नहीं पी रहे हैं? जब हम राज्य में हैं, तो सरकारी संपत्ति का इस्तेमाल सांप्रदायिक नफरत के बीज बोने के लिए नहीं किया जाएगा।”
कांग्रेस नेता के बयान से मचा सियासी संग्राम
मालूम हो कि प्रियांक खड्गे द्वारा आरएसएस को प्रतिबंधित करने की मांग से जुड़ा बयान देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंच चुका है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ताओं बीच इसको लेकर रोष का माहौल है। बीजेपी के कई दिग्गज नेता भी प्रियांक खड्गे के बयान की भर्त्सना कर रहे हैं।
इसी क्रम में महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने इसे एक पब्लिसिटी स्टंट बताया है। उनका कहना है कि इंदिरा गांधी ने भी आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी थी। अन्य कई नेता और स्वयं सेवक भी प्रियांक खड्गे पर निशाना साध रहे हैं।