Home ख़ास खबरें ‘देश विरोधी मानसिकता जनता…; Rahul Gandhi के बयान पर मचा हाहाकार! CM...

‘देश विरोधी मानसिकता जनता…; Rahul Gandhi के बयान पर मचा हाहाकार! CM Mohan Yadav ने की कड़ी आलोचना ; जानें पूरी डिटेल

Rahul Gandhi: नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बयान से एक बार फिर सियासत गरमा गई है, जिसके बाद बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने उनकी कड़ी आलोचना की।

0
Rahul Gandhi
Rahul Gandhi, Mohan Yadav - फाइल फोटो

Rahul Gandhi: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारतीय राज्य पर की गई टिप्पणी को “देशविरोधी” बताते हुए उनकी कड़ी आलोचना की है। सीएम यादव ने कहा कि Rahul Gandhi को इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए क्योंकि नीतियों पर आपत्ति करना स्वीकार्य है, लेकिन राष्ट्रविरोधी टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं। सीएम मोहन यादव ने राहुल गांधी की टिप्पणी को “देशविरोधी” करार देते हुए कहा कि “राहुल गांधी को अपनी देशविरोधी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए। नीतियों पर सवाल उठाए जा सकते हैं, लेकिन राष्ट्रविरोधी बयान जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी।”

Rahul Gandhi के बयान से मचा हाहाकार

मालूम हो कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का दिन ‘प्रतीष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाया जाना चाहिए, क्योंकि यह भारत की “सच्ची स्वतंत्रता” का प्रतीक है। जिसके बाद से पूरी सियासत गरमा गई। भागवत के बयान पर Rahul Gandhi ने कहा कि “भागवत को यह बात कहने की हिम्मत कैसे हुई? किसी अन्य देश में ऐसा बयान देने वाले को गिरफ्तार कर लिया जाता। यह कहना कि 1947 में भारत को स्वतंत्रता नहीं मिली, हर भारतीय का अपमान है।” राहुल गांधी की इस टिप्पणी के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और प्रवक्ताओं ने उन पर जमकर हमला बोला।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंघिया ने भी राहुल गांधी पर किया पलटवार

राहुल गांधी के बयान पर अब पूरी तरह से सियासत गरमा गई है। इसे लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंघिया ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि “क्या हमें आश्चर्य होना चाहिए? सेब पेड़ से ज्यादा दूर नहीं गिरा है! राहुल गांधी का “भारतीय राज्य के साथ युद्ध में” होने का अपमानजनक दावा न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि राष्ट्र की आत्मा पर हमला है।

विपक्ष के नेता की इस तरह की टिप्पणी उस शपथ के साथ विश्वासघात को उजागर करती है जो उन्होंने छह महीने पहले ली थी और जिस लाल किताब का वह पालन करने का दिखावा करते हैं। यह हमारी सीमाओं की रक्षा करने वालों और लोकतंत्र के वादे में विश्वास करने वाले प्रत्येक नागरिक के बलिदान के खिलाफ विश्वासघात का कार्य है”।

Exit mobile version