Rahul Gandhi: कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आज जम्मू कश्मीर में स्थित पूंछ पहुंचे जहां उन्होंने पाक की गोलाबारी में जान गंवाने वाले पीड़ित परिवारों को मुलाकात की, इस दौरान उन्होंने इसकी वीडियो भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स के माध्यम से शेयर की है। आपको बता दें कि पूंछ पाकिस्तान के बॉर्डर से बिल्कुल सटा हुआ इलाका है, यही वजह है कि पाकिस्तान की गोलीबारी में इस इलाकों को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है, साथ ही इस गोलीबारी में कई लोगों ने अपनी जान गवां दी है। वहीं आज Rahul Gandhi ने इन परिवारों से मुलाकात की और हर संभव मदद करने का भरोसा दिया।
पाक गोलाबारी में जान गंवाने वाले पीड़ित परिवारों से मिले Rahul Gandhi
मालूम हो कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान लगातार एलोसी पर सीजफायर का उल्लंघन कर रहा था और रिहायशी इलाकों को जमकर निशाना बनाया था। इस गोलीबारी में कई लोगों की मौत हो गई थी, तो कई लोगों को घर पूरी तरह से तबाह हो गया है, अब सिर्फ वहां मलबे ही मलबे है। बता दें कि इस हमले में सबसे ज्यादा नुकसान पूंछ और आसपास के इलाकों को हुआ है। वहीं Rahul Gandhi को पीड़ित परिवारों ने आपबीती सुनाई, वहां पर खड़ी एक लड़की ने कहा कि “मेरे पापा की मौत को 166 साल है, हम 5 बहने है और हमारे घर कमाने वाला कोई नहीं है, पूरा घर टूट गया है”।
राहुल गांधी ने पीड़ित परिवारों को मदद करने का दिया भरोसा
बता दें कि Rahul Gandhi ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि “आज पुंछ में पाकिस्तान की गोलाबारी में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों से मिला। टूटे मकान, बिखरा सामान, नम आंखें और हर कोने में अपनों को खोने की दर्द भरी दास्तान – ये देशभक्त परिवार हर बार जंग का सबसे बड़ा बोझ साहस और गरिमा के साथ उठाते हैं। उनके हौसले को सलाम है। पीड़ित परिवारों के साथ मजबूती से खड़ा हूं।
उनकी मांगें और मुद्दे राष्ट्रीय स्तर पर ज़रूर उठाऊंगा”। उन्होंने यह भी कहा कि अब, आपने ख़तरा और थोड़ी-बहुत भयावह स्थिति देखी है, लेकिन चिंता न करें, सब कुछ सामान्य हो जाएगा। इस समस्या का जवाब देने का आपका तरीका यह होना चाहिए कि आप खूब पढ़ाई करें और खूब खेलें और स्कूल में ढेर सारे दोस्त बनाएँ।” मालूम हो कि भारत का ऑपरेशन सिंदूर सफल होने के बाद पाक ने सीजफायर का उल्लंघन करते हुए पीओके के नजदीक भारत के कई गांवों को पर हमला कर दिया था, जिसमे पूंछ भी शामिल था, यहीं पर सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था।