शुक्रवार, मई 30, 2025
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क्या निकट आ रही अलविदा बोलने की बारी? Shashi Tharoor को लेकर Congress में गहमा-गहमी, पार्टी नेताओं ने ही कर दी फजीहत

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Shashi Tharoor: अंदरखाने कांग्रेस में दरार की खबरें अब और तेज हो गई हैं। ये पूरा मामला सांसद शशि थरूर से जुड़ा है। दरअसल, शशि थरूर इन दिनों एक डेलिगेशन की अध्यक्षता करते हुए गुयाना, अमेरिका, कोलंबिया जैसे देशों का दौरा कर रहे हैं। इस दौरान पाकिस्तान को बेनकाब करते हुए शशि थरूर ने वर्तमान सरकार की उपलब्धियों की कुछ हद तक प्रशंसा कर दी, जो कांग्रेस को नागवार गुजर रही है। उदित राज और पवन खेड़ा जैसे कांग्रेस नेता Shashi Tharoor को निशाने पर लेते हुए जुबानी हमले कर रहे हैं। ऐसे में ये स्पष्ट रूप से कांग्रेस के भीतर से आ रही मतभेद को उजागर करता है। अब बड़ा सवाल है कि क्या शशि थरूर के कांग्रेस से अलविदा कहने का समय निकट आ गया है? आलाकमान की चुप्पी के बीच थरूर को लेकर जारी चर्चा कई नए सवालों को जन्म दे रही है।

पार्टी में गहमा-गहमी के बीच नेताओं ने Shashi Tharoor पर उठाए सवाल!

वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने शशि थरूर की किताब ‘The Paradoxical Prime Minister’ के एक अंश को साझा किया है। किताब के अनुवादित अंश इस प्रकार हैं-

‘पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर 2016 में की गई सर्जिकल स्ट्राइक और म्यांमार में विद्रोहियों के पीछे सैन्य छापे को पार्टी के चुनाव के रूप में बेशर्मी से इस्तेमाल करना, ऐसा कुछ है जो कांग्रेस ने पहले भी कई ऐसे हमलों को अधिकृत करने के बावजूद कभी नहीं किया। यह उस सिद्धांत का विशेष रूप से शर्मनाक कमजोरीकरण है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों में विवेक और गैर-पक्षपात दोनों की आवश्यकता होती है।’

इसके अलावा कांग्रेस नेता उदित नारायण ने Shashi Tharoor पर निशाना साधते हुए कहा कि “मेरे प्रिय थरूर, काश! मैं प्रधानमंत्री मोदी को मना सकता था कि वे आपको भाजपा का सुपर प्रवक्ता घोषित कर दें। यहाँ तक कि भारत आने से पहले ही विदेश मंत्री घोषित कर दें। आप कांग्रेस के स्वर्णिम इतिहास को यह कहकर कैसे बदनाम कर सकते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी से पहले भारत ने कभी भी LoC और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार नहीं की। 1965 में भारतीय सेना ने कई जगहों पर पाकिस्तान में प्रवेश किया, जिससे लाहौर सेक्टर में पाकिस्तानियों को पूरी तरह से आश्चर्य हुआ। 1971 में भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए और UPA सरकार के दौरान कई सर्जिकल स्ट्राइक की गईं, लेकिन राजनीतिक रूप से भुनाने के लिए ढोल नहीं पीटा गया। जिस पार्टी ने आपको इतना कुछ दिया, उसके साथ आप इतने बेईमान कैसे हो सकते हैं?”

फजीहत करने वाले नेताओं को शशि थरूर का जवाब

पनामा पहुंचे कांग्रेस सांसद Shashi Tharoor ने बगैर नाम लिए उन नेताओं को जवाब दिया है, जो उन पर निशाना साध रहे हैं। शशि थरूर के एक्स हैंडल से लिखा गया है कि “मैं उन लोगों को जवाब दे रहा हूं जो LoC के पार भारतीय वीरता के बारे में मेरी कथित अज्ञानता के बारे में भड़के हुए हैं। पिछले युद्धों के बारे में नहीं और मैनें टिप्पणियों से पहले हाल के वर्षों में हुए कई हमलों का संदर्भ दिया गया था, जिसके दौरान पिछले भारतीय प्रतिक्रियाएं नियंत्रण रेखा और आईबी के लिए हमारे जिम्मेदार सम्मान द्वारा संयमित और विवश थीं। लेकिन हमेशा की तरह, आलोचकों और ट्रोल्स को मेरे विचारों और शब्दों को विकृत करने का स्वागत है जैसा कि वे उचित समझते हैं। मेरे पास वास्तव में बेहतर काम हैं।”

दरअसल, शशि थरूर ने पनामा सिटी में कहा था कि “आतंकवादियों को भी अब एहसास हो गया है कि उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी। जब ​​पहली बार भारत ने सितंबर 2015 में उरी में सर्जिकल स्ट्राइक करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया था। यह पहले से ही कुछ ऐसा था जो हमने पहले नहीं किया था। कारगिल युद्ध के दौरान भी हमने नियंत्रण रेखा पार नहीं की थी। उरी में हमने ऐसा किया और फिर जनवरी 2019 में पुलवामा में हमला हुआ। इस बार हमने न केवल नियंत्रण रेखा बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमा भी पार की और हमने बालाकोट में आतंकवादी मुख्यालय पर हमला किया। इस बार हम उन दोनों से आगे निकल गए हैं और PAK में नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया।” Shashi Tharoor के इसी बयान पर सियासी संग्राम छिड़ा है।

क्या निकट आ रही Congress को अलविदा बोलने की बारी?

ये बड़ा सवाल है और इसका स्पष्ट व पुख्ता जवाब तो शशि थरूर ही दे सकते हैं। लेकिन एक बात तय है कि पिछले कुछ दिनों में शशि थरूर के हाव-भाव जरूर बदले हैं। कभी पीयूष गोयल के साथ तस्वीर साझा करना, तो सार्वजनिक रूप से मोदी सरकार की नीतियों की तारीफ करना। इससे इतर Shashi Tharoor ने पीएम मोदी के साथ एक मंच भी साझा किया था जिसके बाद कयासों के बाजार गर्म होने लगे। यही वजह है कि अब जब शशि थरूर कांग्रेस नेताओं के निशाने पर हैं, तो सवाल उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस को अलविदा बोलने की बारी आ गई है।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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