Bhargavastra: ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को तबाह करने के बाद अब देश अपनी डिफेंस क्षमताओं में इजाफा कर रहा है। इसी कड़ी में ओडिशा के गोपालपुर में सीवार्ड फायरिंग रेंज में हार्ड किल मोड के तहत कम लागत वाली देसी काउंटर ड्रोन सिस्टम ‘भार्गवस्त्र’ का सफल परीक्षण किया। बता दें कि इस सफलता तक पहुंचने में कड़े संघर्षों से गुजरना पड़ा। इस सिस्टम की खासियत जानकर दुश्मन की नींद उड़ सकती है।
Bhargavastra काउंटर ड्रोन सिस्टम में साबित होगा मील का पत्थर
आपकी जानकारी में बढ़ोतरी करने के लिए बता दें कि काउंटर ड्रोन सिस्टम ‘भार्गवस्त्र’ एसडीएएल यानी सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। इसकी लागत काफी कम है और साथ ही यह ड्रोन झुंडों से अकेले ही मुकाबला करने में सक्षम है। ऐसे में भविष्य के संभावित ड्रोन खतरों से निपटने में यह एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस काउंटर-ड्रोन सिस्टम में इस्तेमाल किए गए माइक्रो रॉकेटों का गोपालपुर के सीवर्ड फायरिंग रेंज में कठोर परीक्षण किया गया, जिसमें सभी निर्धारित लक्ष्य हासिल किए गए।
Bhargavastra ने हासिल किए सारे पैरामीटर
सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड ने बताया है कि 13 मई 2025 को गोपालपुर में भारतीय सेना के आला अधिकारियों की मौजूदगी में रॉकेट के लिए तीन परीक्षण किए गए। दो परीक्षण एक-एक रॉकेट दागकर किए गए। एक परीक्षण 2 सेकंड के भीतर साल्वो मोड में दो रॉकेट दागकर किया गया। सभी चार रॉकेटों ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया और बड़े पैमाने पर ड्रोन हमलों को कम करने में अपनी मजबूत तकनीक को रेखांकित करते हुए आवश्यक लॉन्च पैरामीटर हासिल किए। ऐसे में अब भार्गवस्त्र देश पर बुरी नजर डालने वाले दुश्मनों की हर नापाक हरकत नाकाम करने के लिए तैयार है।
भार्गवस्त्र की घातक खूबियां उड़ा सकती हैं दुश्मनों के होश
एसडीएएल के मुताबिक, Bhargavastra का मुख्य कार्य ड्रोन को तुरंत रोकना है, ताकि झुंड में हमला करने की क्षमता वाली छोटी, गाइडिड मिसाइलों का उपयोग करके उन्हें निश्चित रूप से मार गिराया जा सके। यह समाधान कई ड्रोनों के लगभग एक साथ हमले के साथ ड्रोन हमलों के खिलाफ मोबाइल सुरक्षा प्रदान करता है। भार्गवस्त्र 20 मीटर के रेडियस वाले गैर-निर्देशित छोटे रॉकेट और 2.5 किमी तक के ड्रोन झुंड को बेअसर कर सकते हैं। भार्गवस्त्र में इंटीग्रेटिड सेफ्टी के लिए जैमिंग और स्पूफिंग जैसी सॉफ्ट-किल विधियां दी गई हैं। भार्गवस्त्र की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह छोटे हवाई खतरों का पता लगाने के लिए 6 से 10 किमी की रडार रेंज के साथ आता है। इसमें कम रडार क्रॉस-सेक्शन ड्रोन की पहचान करने के लिए ईओ/आईआर सेंसर दिए गए हैं।