6G: IIT दिल्ली और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DOT) ने मिलकर 6G तकनीक में भारत की प्रगति को तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए हाथ मिलाया है। यह सहयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 6G विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल का उद्देश्य अगली पीढ़ी की संचार प्रणाली के लिए स्वदेशी हार्डवेयर और कंपोनेंट्स विकसित करना है।
भारत का ‘6G Vision’
दूरसंचार विभाग के “टेलीकॉम टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (TTDF) 6G” कार्यक्रम के तहत, IIT दिल्ली और C-DOT “THz कम्युनिकेशन फ्रंट एंड्स के बिल्डिंग ब्लॉक्स” विकसित करने पर काम कर रहे हैं। ये कंपोनेंट्स 6G नेटवर्क और अन्य उन्नत प्रणालियों, जैसे सैन्य संचार और सामग्री विश्लेषण, के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। संचार मंत्रालय ने इस परियोजना को भारत में एक मजबूत 6G इकोसिस्टम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया, जिसका उद्देश्य सुरक्षित, बुद्धिमान और उच्च गुणवत्ता वाली कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना है।
भारत को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रयास
IIT दिल्ली की अत्याधुनिक सुविधाओं का उपयोग करते हुए, यह परियोजना SAMEER (सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च), कोलकाता के सहयोग से THz कंपोनेंट्स विकसित कर रही है। ये कंपोनेंट्स बड़े पैमाने पर चिप निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेंगे और “मेक इन इंडिया” पहल को मजबूत करेंगे। स्वदेशी तकनीक पर जोर देकर, भारत न केवल आयात पर निर्भरता कम कर रहा है बल्कि वैश्विक तकनीकी क्षेत्र में अपनी स्थिति को भी मजबूत कर रहा है।
PM Modi का 6G विजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 6जी विजन नवाचार और आत्मनिर्भरता पर आधारित है। स्वतंत्रता दिवस 2024 के भाषण में, पीएम मोदी ने कहा था, “हम पहले ही 6G के लिए मिशन मोड में काम कर रहे हैं, और हम अपनी प्रगति से दुनिया को चौंका देंगे। IIT दिल्ली और C-DOT का यह सहयोग इसी मिशन की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह भारत के उस संकल्प को दर्शाता है, जिसमें देश उन्नत तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने और वैश्विक स्तर पर नेतृत्व करने के लिए प्रतिबद्ध है।