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Rekha Gupta: ‘दिल्ली में 2023 जैसी बाढ़ फिर…’ मद्रासी कैंप को हटाए जाने पर Delhi CM की कड़ी प्रतिक्रिया आई सामने; विकास कार्यों पर दी अहम जानकारी

Rekha Gupta: जंगपुरा में स्थिति मद्रासी कैंप पर बुलडोजर एक्शन के बाद दिल्ली में एक बार बीजेपी और आप के बीच सियासत शुरू हो चुकी है।

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Rekha Gupta
फाइल फोटो प्रतीकात्मक

Rekha Gupta: दिल्ली में एक बार बीजेपी और आप के बीच सियासत शुरू हो चुकी है। दरअसल हाईकोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली के जंगपुरा में स्थिति मद्रासी कैंप पर बुलडोजर एक्शन हुआ है। जिसके बाद आप बीजेपी पर हमलावर हो गई है। आप के कई बड़े नेता स्थिति का जायजा लेने के लिए वहां पर पहुंचे। वहींं दिल्ली की सीएम Rekha Gupta की इसपर कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। मीडिया से बात करते Delhi CM ने विकास कार्यों को लेकर भी कही अहम जानकारी दी।

मद्रासी कैंप को हटाए जाने पर सीएम Rekha Gupta की कड़ी प्रतिक्रिया आई सामने

मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री Rekha Gupta ने कहा कि “मैंने साफ कहा है कि अगर कोर्ट ने कुछ आदेश दिया है तो उसमें न तो सरकार कुछ कर सकती है और न ही प्रशासन। मद्रासी कैंप को तोड़े जाने का सच यह है कि यह बारापुला नाले के किनारे बनाया गया था। कोर्ट ने इस झुग्गी बस्ती को हटाने के लिए चार बार आदेश दिया था ताकि नाले की सफाई के लिए मशीनें लगाई जा सकें। नहीं तो दिल्ली में 2023 जैसी बाढ़ फिर से देखने को मिलेगी। कोर्ट के आदेश की कोई अवहेलना नहीं कर सकता।

उस कैंप के निवासियों को घर आवंटित करके वहां शिफ्ट कर दिया गया है। दिल्ली में तीन जगहों पर कार्रवाई की गई, जिसमें रेलवे ट्रैक के पास बनी झुग्गी बस्ती भी शामिल है। रेलवे ने कार्रवाई की। अगर जान का नुकसान होता है तो कौन जिम्मेदार होगा?

विकास कार्यों के लेकर भी Delhi CM ने दी अहम जानकारी

बता दें कि Delhi CM ने राजधानी को लेकर विकास कार्यों को लेकर एक अहम जानकारी दी। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इसके अलावा पूरी दिल्ली में 700 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य चल रहे हैं।” गौरतलब है कि दिल्ली में बीजेपी सरकार के आने के बाद से ही विकास कार्यो को तेजी से किया जा रहा है। चाहे वह यमुना सफाई हो या फिर अन्य कार्य। हालांकि बुलडोजर एक्शन को लेकर प्रशासन का कहना है कि यह अभियान संकरी नाली के कारण होने वाली बाढ़ की समस्या को हल करने के लिए चलाया गया था, जो भारी बारिश के दौरान पानी के प्रवाह को बाधित करती है। 370 अतिक्रमणों को ध्वस्त कर दिया गया है, जिनमें से 189 निवासियों को पुनर्वास के लिए योग्य माना गया है और नरेला में फ्लैट आवंटित किए गए हैं, जबकि 181 पुनर्वास के लिए अयोग्य हैं।

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