Viral Video: भीड़ का प्रदर्शन कब कौन सा रुख धारण कर ले, इसकी कल्पना कर पाना भी असंभव है। क्या आपने कभी सोचा है कि प्रदर्शनकारी भीड़ किसी अधिकारी पर नोट का बंडल उड़ाएगी? क्या किसी भ्रष्ट अधिकारी से भीड़ इतनी तंग हो सकती है कि रिश्वत के लिए उसे कुबेर का खजाना खोलना पड़ा? इन तमाम सवालों के जवाब गुजरात से आए एक वायरल वीडियो में मिल जाएंगे। दरअसल, सोशल मीडिया पर गुजरात से जुड़ा एक वायरल वीडियो सुर्खियां बटोर रहा है। Viral Video में कुछ गुस्साएं लोग हैं जो एक सरकारी दफ्तार में घुसकर एक सरकारी कर्मचारी पर नोटों की बारिश कर रहे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ एक अनोखे प्रदर्शन को अंजाम देने वाले लोगों का आरोप है कि अधिकारी उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं ले रहा था।
Viral Video रिश्वत से तंग आकर लोगों ने भ्रष्ट अधिकारी पर की नोटों की बारिश
दी लॉजिकल इंडियन के आधिकारिक Instagram हैंडल से एक वीडियो जारी किया गया है। वीडियो में कुछ लोगों के चेहरे गुस्से में लाल नजर आ रहे हैं।
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प्रदर्शनकारी लोगों का आरोप है कि भ्रष्ट अधिकारी साफ-सफाई, पानी की आपूर्ति आदि जैसी जरुरतों को पूरा करने के लिए भी घुस की मांग करता है। वायरल वीडियो में लोगों को पीड़ा सुनी जा सकती है। एक शख्स कहता है “मेरी सोसइटी में गंदा पानी आ रहा है। एक अन्य व्यक्ति कहता है बिस्समिल्ला सोसाइटी में भी। इतने में ‘कितना पैसा खाएगा’ की आवाज से दफ्तर गूंज उठता है।” लोग बिना कुछ सोचे-समझे लिफाफे और थैले से पैसा निकालकर नोटों की बारिश करने लगते हैं। सोशल मीडिया पर इस Viral Video को लेकर खूब चर्चा है। यूजर्स अपने-अपने बुद्धि-विवेक के अनुसार प्रतिक्रिया देते हुए इस प्रकरण में अपना पक्ष रख रहे हैं।
वायरल वीडियो देख भड़क उठे यूजर्स

गुजरात में भ्रष्टाचार के खिलाफ अनूठे प्रदर्शन और सरकारी कर्मचारी पर लगे गंभीर आरोप से जुड़ा वीडियो देख यूजर्स कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। प्रीतम कुश्वाहा का कहना है “भ्रष्टाचार कर्मचारियों की जड़ में है।” दीपक कुमार का कहना है कि “भ्रष्ट अधिकारी देश के सबसे बड़े दुश्मन हैं।” अक्षय नामक इंस्टाग्राम यूजर इस प्रदर्शन को ‘सशक्त विरोध’ बता रहे हैं। दीपक का कहना है कि “भ्रष्ट अधिकारियों का अपमान हर दफ्तर में होना चाहिए।”
डिस्क्लेमर: यह खबर इंटरनेट पर मौजूद जानकारी और संलग्न किए गए वीडियो के आधार पर लिखी गई है। DNP India Hindi वीडियो की किसी भी प्रकार से पुष्टि, समर्थन या प्रचार नहीं करता है।