Donald Trump: बातों और धमकियों का दौर लगातार जारी है लेकिन कुछ तो अड़चने हैं जिसके कारण अमेरिका प्रत्यक्ष रूप से जंग-ए-मैदान में कूदने से कतरा रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी को ध्यान में रखकर दावा किया जा रहा है कि बस चंद दिनों के भीतर अमेरिका ईरान पर अटैक कर सकता है। हालांकि, समीकरण बदलने से मिडिल ईस्ट में अमेरिका की स्थिति थोड़ी अलग भी हो सकती है। Israel Iran War के बीच बढ़-चढ़कर बातें करना और अली खामेनेई को खुली चुनौती देना प्रेसिडेंट ट्रंप की आदतों मे रहा है। लेकिन प्रत्यक्ष रूप से कहे अनुसार ईरान को निशाने पर लेना Donald Trump के लिए थोड़ा कठिन लग रहा है। कुछ तो वजह है कि जिसके कारण अमेरिकी राष्ट्रपति ईरान को निशाना बनाने से कतरा रहे हैं। आइए हम उन्हीं कारणों को ढूंढ़ने की कोशिश करते हैं, ताकि हमें तमाम सवालों के जवाब मिल सकें।
प्रेसिडेंट Donald Trump के लिए जंग-ए-मैदान में कूदना मुश्किल निर्णय क्यों है?
इसके पीछे कई सारे तर्क दिए जा रहे हैं। यूं तो अमेरिकी अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर ईरान में तेहरान से करमानशाह तक तबाही मचा सकता है। लेकिन उसे वैश्विक समीकरण का ख्याल रखना है। दावा किया जा रहा है कि यदि डोनाल्ड ट्रंप ईरान पर हमला करते हैं, तो उनके समर्थकों का रुझान अलगाववादी गुट की ओर बढ़ सकता है। यह गुट इराक और अफगानिस्तान जैसे युद्धों से अमेरिका को दूर रखने की अपनी प्रतिज्ञा पर कायम है। ऐसी स्थिति में गुट Donald Trump को ईरान पर हमला न करने की सलाह देगा। इसके अलावा प्रेसिडेंट ट्रंप की वो प्रतिज्ञा भी ज़हन मे है जब उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में अमेरिका को मिडिल ईस्ट के युद्ध से हमेशा के लिए बाहर निकालने की कसम खाई थी। यही वजह है कि Israel Iran War के बीच Donald Trump मिडिल ईस्ट के जंग-ए-मैदान में कूदने से पहले कतरा रहे हैं।
चंद दिनों में Iran पर प्रहार कर सकता है अमेरिका?
इसको लेकर कयासबाजी का दौर तेज हो गया है। दरअसल, प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयानों से कई बार इशारा किया है कि अमेरिका जब चाहे खामेनेई को निशाने पर ले सकता है। बीते शाम भी मीडिया से बात करते हुए Donald Trump ने स्पष्ट किया कि वो ईरान पर हमला कर भी सकते हैं और नहीं भी कर सकते हैं। यही वजह है कि ट्रंप के बदलते मिजाज को लेकर कई तरह की संभावनाएं व्यक्त की जा रही है। Israel को पूरा समर्थन दे रहे डोनाल्ड ट्रंप कब क्या कर देंगे, इसको लेकर पुख्ता रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता।