Asim Munir: पड़ोसी मुल्क चौतरफा मुश्किलों का सामना कर रहा है। एक ओर तालिबानी हुकूमत है जो मुल्ला मुनीर की नापाक साजिशों को नाकामयाब कर करारा पलटवार कर रही है। दूसरी ओर भारत का सख्त रुख भी पड़ोसी मुल्क के लिए खौफ का विषय बना है। इस्लामाबाद में हुए ब्लास्ट के बाद आसिम मुनीर को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
सवाल उठ रहे हैं कि क्या पीएम शहबाज शरीफ की नीति पाकिस्तान को ले डूबेगी? क्या आसिम मुनीर पाकिस्तान को खत्म करने की कगार पर पहुंचा चुके हैं? बदलते समीकरण के बीच ऐसे तमाम सवाल हैं जो पाकिस्तान के संदर्भ में तेजी से उठ रहे हैं। आइए हम आपको इन सवालों का जवाब देने की कोशिश करते हैं।
क्या पाकिस्तान को खत्म करने की कगार पर पहुंचा चुके Asim Munir?
इस सवाल का जवाब सब अपने-अपने तर्कों के आधार पर दे सकते हैं। पाकिस्तान एक ऐसा मुल्क है जो फिलहाल चौतरफा अपने ही बिछाए जाल में फंस चुका है। उदाहरण के साथ समझने का प्रयास करें तो नजर आता है कि चीन अब पाकिस्तान की ओर से रुख करने से कतरा है। भारत के साथ पाकिस्तान का छत्तीस का आंकड़ा है। तालिबानी भी हाथ धोकर पड़ोसी मुल्क को बर्बाद करने पर तुल गए हैं। मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने तो पाकिस्तान को खुली धमकी दे दी है। ये सारे घटनाक्रम आसिम मुनीर की सेना प्रमुख के रूप में ताजपोशी के बाद देखने को मिले हैं।
आर्मी चीफ आसिम मुनीर का कद बढ़ने के साथ पाकिस्तान को चहुंओर मुखालिफत झेलनी पड़ रही है। यही वजह है कि पाकिस्तान के बर्बादी की दहलीज पर पहुंचने से जुड़े सवाल उठ रहे हैं। पूछा जा रहा है कि क्या आसिम मुनीर मुल्क को खत्म करने की कगार पर पहुंचा चुके हैं। सनद रहे कि यहां खत्म होने से आशय पाकिस्तान में अंदरखाने विद्रोह की आवाज उठना, हुकूमत का नियंत्रण खत्म होना, सेना का युद्ध में पराजित होना आदि है।
पाकिस्तान को एक तरफ तालिबानियों का डर, तो दूसरी ओर भारत का खौफ!
पड़ोसी मुल्क के लिए आगे कुआं और पीछे खाई वाली स्थिति है। एक ओर जहां पाकिस्तानी हुकूमत और मुल्ला मुनीर के लिए तालिबानी चिंता का सबब बने हैं। वहीं दूसरी ओर पड़ोसी मुल्क के लिए भारत भी खौफ का विषय है। इस्लामाबाद ब्लास्ट में तालिबानी कनेक्शन सामने आने के बाद सनसनी सी मच गई है।
पाकिस्तान को अफगानी हुकूमत से डर है और इसी क्रम में ख्वाजा आसिफ की बौखलाहट भी सामने आई है। वहीं भारत ने भी साफ कर दिया है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है और किसी भी तरह की आतंकी गतिविधि के लिए पड़ोसी मुल्क को कीमत चुकानी पड़ेगी। यही वजह है कि पाकिस्तान के लिए तालिबान के साथ भारत भी खौफ का विषय बने हैं और मुल्क की स्थिति लचर है।






