सोमवार, सितम्बर 29, 2025
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गलती या बलूचियों के खिलाफ साजिश? Balochistan में गिरी पाकिस्तानी न्यूक्लियर मिसाइल तो उठे सवाल, मुनीर सेना के मंसूबों पर संदेह गहराया

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Balochistan News: मुनीर सेना के मंसूबों पर एक बार फिर संदेह गहराया है। दरअसल, पाकिस्तान की ओर से 22 जुलाई को न्यूक्लियर क्षमता से लैस बैलिस्टिक मिसाइल शाहीन-3 लॉन्च किया गया था। ये मिसाइल टेस्टिंग फेल हो गई और बलोचिस्तान के रिहायशी इलाकों से निकट जा गिरी। इसके बाद कई तरह से सवाल उठ रहे हैं। मुनीर सेना द्वारा मिसाइल का असफल परीक्षण क्या वाकई एक गलती थी या कोई साजिश का हिस्सा था? ये सबसे प्रमुख सवाल है जो बलूच नेता मीर यार बलूच ने उठाया है। बलोचिस्तान के भीतर इस घटनाक्रम के बाद पाकिस्तान के खिलाफ आवाज और तेजी से उठ रहे हैं। पाकिस्तानी सेना के मंसूबों से बखूबी वाकिफ बलोचिस्तान के लोग अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए आवाज बुलंद कर आसिम मुनीर और PM शहबाज को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। (Balochistan News)

बलोचिस्तान के इलाके में जा गिरी शाहीन-3 न्यूक्लियर मिसाइल

पाकिस्तानी सेना द्वारा परीक्षण के लिए लॉन्च की गई शाहीन-3 बैलिस्टिक मिसाइल बलोचिस्तान के रिहायशी इलाकों से निकट जा गिरी। राहत की बात है कि इससे किसी प्रकार की घटना नहीं हुई, लेकिन इस वाकये ने कई सवालों को जन्म दे दिया है। पाकिस्तानी सेना बलूचियों पर शुरू से ही जुल्म करती आई है। अपने अधिकारों की मांग करने वाले, स्वतंत्र बलोचिस्तान की बात करने वाले या महिलाओं के हक की आवाज उठाने वाले बलूची एक्टिविस्ट को कैसे रास्ते से हटाया जाता है। ये जगजाहिर है।

ऐसे में एकाएक न्यूक्लियर क्षमता से लैस मिसाइल शाहीन-3 का बलोचिस्तान के रिहायशी इलाकों के निकट आकर गिरना कई सवालों को जन्म देता है। कहीं मुनीर सेना बलोचिस्तान में भारी पैमाने पर तबाही मचाने का षडयंत्र तो नहीं रच रही थी? कहीं बलूचियों के खिलाफ किसी बड़ी साजिश को अंजाम तो नहीं दिया जाने वाला था? स्वतंत्र बलोचिस्तान की मांग करने वालों की आवाज दबाने के लिए तो नहीं मिसाइल दागी गई? ऐसे तमाम सवाल हैं जो बलूचिस्तान प्रांत में स्थित ग्रापन की घाटी में लूप सेहरानी लेवी स्टेशन से महज 500 मीटर की दूरी पर गिरे मिसाइल के बाद उठ रहे हैं।

मुनीर सेना के मंसूबों पर संदेह गहराया

पूर्व में बलोचिस्तान वासियों पर कई बार जुल्म कर चुकी मुनीर सेना पर संदेह एक बार फिर गहराया है। बलूची एक्टिविस्ट जहीर की कथित रूप से हुई हत्या के बाद बलोचिस्तान में विद्रोह के सुर उठे थे। उसके ठीक बाद राजधानी क्वेटा में बस सवार नागरिकों की हत्या हुई। ये तमाम घटनाक्रम पाकिस्तानी सेना की विफलताओं का जीता-जागता उदाहरम हैं। इसी बीच मुनीर सेना द्वारा मिसाइल परीक्षण के दौरान बलूचिस्तान प्रांत में स्थित ग्रापन की घाटी में लूप सेहरानी लेवी स्टेशन से महज 500 मीटर की दूरी पर विस्फोट होना, एक बार फिर संदेह को गहरा रहा है।

मीर यार बलोच समेत तमाम बलूची एक्टिविस्ट मुनीर सेना के मंसूबों पर सवाल खड़ा करते हुए बलोचिस्तान को मिसाइल परीक्षण का अड्डा बनाए जाने का आरोप लगा रहे हैं। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान लगातार परमाणु परीक्षण कर लोगों को रेडिएशन और स्वास्थ्य आपदाओं से जूझने पर मजबूर कर रहा है। यदि ऐसे ही मिसाइल परीक्षण का दौर जारी रहा, तो पब्लिक कैंसर, त्वचा रोग और अन्य गंभीर बीमारियों से जूझती नजर आएगी। यही वजह है कि बलोचिस्तान के लोगों का मुनीर सेना के मंसूबों पर संदेह लगातार गहराता जा रहा है।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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