Bangladesh News: ढ़ाका में आज अलर्ट की स्थिति है। इसका प्रमुख कारण है इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल यानी आईसीटी का एक फैसला जो पूर्व पीएम शेख हसीना के संदर्भ में आज सुनाया जाएगा। फैसला सुनाए जाने से पहले शेख हसीना के बेटे व उनके सलाहकार सजीब वाजेद ने लगभग-लगभग अंतरिम सरकार को चेताया है। सजीब वाजेद ने कहा है कि अगर आवामी लीग पर प्रतिबंध नहीं हटाया गया, तो उनके समर्थक अगले साल होने वाले चुनाव को बाधित कर देंगे।
वहीं उन्होंने शेख हसीना को मौत की सजा सुनाए जाने की आशंका भी व्यक्त की है। सजीब वाजेद की चेतावनी सुन ढ़ाका में अलर्ट की स्थिति है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या बांग्लादेश फिर एक बार हिंसा की आग में झुलसेगा? ऐसे में आइए हम आपको इस सवाल का जवाब देते हुए भारत में शेख हसीना के शरण पर आए जवाब के बारे में बताते हैं।
शेख हसीना के बेटे की चेतावनी सुन ढ़ाका में अलर्ट – Bangladesh News
पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में आज इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ लगे आरोपों में फैसला सुनाएगा। इससे पूर्व ढ़ाका में अलर्ट के बीच धमाके होने की खबर है। शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने आशंका जताई है कि उनकी मां को मौत की सजा सुनाई जा सकती है। सजीब वाजेद ने कहा है कि शेख हसीना भारत में निर्वासन के दौरान सुरक्षित हैं।
पूर्व पीएम के बेटे ने अपनी हुकूमत को लगभग चेताते हुए कहा है कि अगर आवामी लीग पार्टी पर से प्रतिबंध नहीं हटाया गया तो उनके समर्थक फरवरी में होने वाले राष्ट्रीय चुनाव को रोक देंगे। सजीब वाजेद का कहना है कि उनके समर्थकों का विरोध प्रदर्शन हिंसा में बदल सकता है। यही वजह है कि शेख हसीना के बेटे का बयान सुन ढ़ाका समेत बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में अलर्ट की स्थिति है।
क्या फिर हिंसा की आग में झुलसेगा बांग्लादेश?
ये बड़ा और अहम सवाल है जिसका जवाब भविष्य की गर्भ में छिपा है। दरअसल, सजीब वाजेद का ये कहना कि आवामी लीग के समर्थकों का प्रदर्शन हिंसा में बदल सकता है, इस सवाल को जन्म देता है। अगस्त 2024 में भीषण हिंसा और तख्तापलट का गवाह बनी बांग्लादेश की धरती क्या फिर रक्तरंजित होगी, सजीब वाजेद के बयानों से ये सवाल उठे हैं।
अब देखना दिलचस्प होगा कि इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल हत्या, हत्या का प्रयास, यातना, प्रदर्शनकारियों को खत्म करने के आदेश से जुड़े आरोपों पर शेख हसीना को क्या सजा देता है। सारा समीकरण आईसीटी के फैसले पर निर्भर करेगा और अंदाजा लगेगा कि बांग्लादेश में हिंसा उपजेगी या शांति बरकरार रहेगी।
