Sheikh Hasina: पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में उपज रहे ताजा घटनाक्रम एक बार फिर दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। पूर्व पीएम शेख हसीना को आईसीटी द्वारा फांसी की सजा दिए जाने के बाद आवामी लीग के समर्थक सड़कों पर हैं। कई हाईवे ब्लॉक होने की खबर है। वहीं पुलिस और शेख हसीना के समर्थन में प्रदर्शन कर रही भीड़ झड़प तक पर उतर आई है।
उग्र आवामी लीग समर्थकों को नियंत्रित करने के लिए कहीं लाठियां भाजी जा रही हैं, तो कहीं आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। इस बीच ढ़ाका से लेकर चटगांव, खुलना और राजशाही समेत अन्य प्रमुख शहरों में तनाव पसर गया है। बांग्लादेश के इस ताजा घटनाक्रम पर भारत की भी पैनी नजरें हैं। क्षेत्रीय भू-राजनीति, कूटनीतिक जटिलताएं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा समेत अन्य कुछ मुद्दें पर जिन पर भारत को सतर्क रहने की जरूरत है।
पूर्व पीएम Sheikh Hasina को सजा मिलने के बाद उग्र हुए आवामी लीग समर्थक
राजधानी ढ़ाका से लेकर चटगांव तक तनाव की स्थिति है। इसका प्रमुख कारण है पूर्व पीएम शेख हसीना को मिली सजा जिसके बाद आवामी लीग समर्थक उग्र हो गए हैं। ढ़ाका से चटगांव, राजशाही, खुलना समेत अन्य तमाम शहरों में पुलिस और सैन्य टुकड़ियां सड़कों पर उतर गई हैं। कई जगहों से प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प होने की खबर भी है। स्थिति को देखते हुए सुरक्षा बल कहीं लाठियां, तो कहीं आंसू गैस के गोले दाग रहा है।
प्रदर्शनाकिरयों को सड़कों से हटकर ब्लॉक किए गए हाईवे को खोलने की कवायद की जा रही है। मोहम्मद युनूस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार अलर्ट पर है और उग्र प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने के निर्देश जारी हुए हैं। बांग्लादेश के लिए आज का दिन बेहद अहम साबित होने वाला है क्योंकि अवामी लीग के समर्थक और जातीय छात्र शक्ति एक साथ सड़क पर उतर चुके हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि अंतरिम सरकार कैसे इस चुनौती से पार पाती है।
बांग्लादेश में सियासी घटनाक्रम को लेकर भारत को क्यों सतर्क रहना चाहिए?
कई तर्क के माध्यम से इस सवाल का जवाब दिया जा सकता है। सबसे जरूरी बात है कि भारत और बांग्लादेश सीमा साझा करते हैं। ऐसे में यदि दोनों में से किसी देश में तनाव की स्थिति पसरी, तो दूसरा प्रभावित होगा। बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रम से मुल्क में चीन और पाकिस्तान का प्रभुत्व बढ़ सकता है। यदि ऐसा हुआ तो भारत के रणनीतिक हितों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होगी। इससे इतर कूटनीतिक जटिलताएं भी हैं जिनको लेकर भारत को सतर्क रहने की जरूरत है।
मुल्क में पसरे तनाव के बीच बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा भारत के लिए अहम है। इसके अलावा अंतरिम सरकार के साथ इस विषम परिस्थिति में अपने संबंधों को बनाए रखना और देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप किए बिना अपने राष्ट्रीय हितों को साधना बेहद अहम है। वहीं चिकन नेक पर भारत को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी न हो।
