Asim Munir: पड़ोसी मुल्क में अंदरखाने टूट की स्थिती है। खैबर पखतूनख्वा से लेकर बलूचिस्तान, सिंध तक सियासी हलचल मची है। कहीं आवाम सड़क पर उतरकर पीएम शहबाज शरीफ, इशार डार, ख्वाजा आसिफ जैसे हुक्मरानों को निशाना बना रही है, तो कहीं नए सीडीएफ आसिम मुनीर के खिलाफ नारे लग रहे हैं। इन सबसे भारत से हर वक्त प्रतियोगिता करने वाले पाकिस्तान की स्थिति आर्थिक मोर्चे पर भी चौपट हो गई है।
जहां एक ओर वैश्विक पटल पर भारत का डंका बज रहा है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की चौतरफा फजीहत हो रही है। बीते शाम ही सिडनी के बोंडी बीच पर हुए हमले में भी पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आया है जिससे मुल्क की खूब फजीहत हो रही है। इस बीच सवाल है कि क्या आसिम मुनीर और पीएम शहबाज पाकिस्तान का बेड़ागर्क करके ही मानेंगे? आइए इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने के साथ विस्तार से चर्चा करते हैं।
क्या मुल्क का बेड़ागर्क करके ही मानेंगे Asim Munir?
इस सवाल का जवाब कई तर्क के साथ दिया जा सकता है। पूर्व पीएम इमरा खान की बहन अलीमा को कोट करें, तो उनका कहा सामने आता है कि मुनीर भारत से जंग के लिए तड़पता है। अफगानी और बांग्लादेश के मोर्चे पर भी आसिम मुनीर मंसूबे कमोबेश यही हैं। जहां पाकिस्तान में बेरोजगारी, भूखमरी, कंगाली से आवाम परेशान है, वहां सेना का बार-बार युद्ध की ओर झुकाव सवाल खड़ा करता है।
ये दर्शाता कि पाकिस्तानी सेना के साथ हुक्मरानों की प्राथमिता क्या है। यही वजह है कि आवाम भी अब आसिम मुनीर और पीएम शहबाज की जुगलबंदी से तंग आ चुका है। खैबर पख्तूनख्वा से लेकर सिंध, बलूचिस्तान तक सेना के खिलाफ आवाज उठ रही है। जहां मुल्क अंदरखाने बर्बादी की कगार पर खड़ा है, वहां आसिम मुनीर और हुक्मरानों के नापाक मंसूबे बेड़ागर्क की संभावना की ओर इशारा करते हैं।
वैश्विक पटल पर भारत की मजबूत साख देख घबराया पड़ोसी मुल्क!
भारत की साख वैश्विक पटल पर और मजबूत हुई है। इसके कई उदाहरण हैं। अभी हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे की खूब चर्चा हुई थी। उससे पूर्व भी तमाम राष्ट्राध्यक्ष भारत का दौरा कर मेजबान और मेहमान देश के संबंध को मजबूत कर चुके हैं। पीएम मोदी अभी चार दिवसीय दौरे पर जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान के लिए रवाना हो चुके हैं।
ये सब वैश्विक पटल पर भारत की मजबूत साख को दर्शाता है। दूसरी ओर पाकिस्तान है जो अंदरखाने टूट की कगार पर खड़ा है और भारत की स्थिति देख घबरा रहा है। आसिम मुनीर से लेकर तमाम शीर्ष नेतृत्व के चेहरे पर शिकन साफ नजर आती है। ये समीकरण दुश्मनों के मुंह पर करारा तमाचा के समान है जो पड़ोसी मुल्क की बर्बाद स्थिति को प्रदर्शित करता है।






