Dipu Chandra Das: भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश एक बार फिर जल रहा है। बता दें कि दरअसल इस हिंसा की शुरूआत 32 वर्षीय युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद से हुई है। आलम यह है कि वहां पर मौजूद अल्पसंख्यकों को भी नहीं छोड़ा जा रहा है। इसी बीच बीते दिन बांग्लादेश में रह रहे हिंदू, जिनका नाम दीपू चंद्रा दास बताया जा रहा है। उन्हें भीड़ ने सरेआम पहले फांसी दी और फिर उन्हें जिंदा जलाया दिया गया।
दरअसल बांग्लादेश के कई इलाकों में हिंसा भड़क उठी है। जिसके कारण भयानक आगजनी, तोड़फोड़ की खबरें सामने आ रही है। मालूम हो कि इसकी शुरूआत कट्टरपंथी संगठन इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद हुई उन्हें 12 दिसंबर को ढाका में बाइक सवार हमलावरों ने गोली मार दी थी।
हिंदुओं पर हो रही बर्बरता पर बीजेपी का फूटा गुस्सा
बीजेपी पश्चिम बंगाल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि “बांग्लादेश में कल रात एक हिंदू, दीपू चंद्र दास को पीट-पीटकर मार डाला गया, फांसी दी गई और जला दिया गया। यह मामला सिर्फ बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास का नहीं है।

यह हरगोबिंदो दास और चंदन दास का भी है, जिन्हें ममता बनर्जी के शासनकाल में पश्चिम बंगाल में इसी तरह की नियति का सामना करना पड़ा। चाहे पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के शासनकाल में हो या बांग्लादेश में यूनुस के शासनकाल में, उन्हें सिर्फ इसलिए मार डाला गया क्योंकि वे हिंदू थे”। इसके अलावा बीजेपी ने ममता सरकार पर भी तंज कसा है। क्योंकि कई रिपोर्टस में दावा किया जाता है कि बंगाल में भी बड़ी संख्या में बांग्लादेश रहते है।
क्या मोहम्मद यूनूस सरकार की उलटी गिनती शुरू!
गौरतलब है कि बांग्लादेश में कल रात एक हिंदू, दीपू चंद्र दास को पीट-पीटकर मार डाला गया, फांसी दी गई और जला दिया गया। हालांकि यह नया नहीं है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर लगातार जुल्म किया जा रहा है। जिसके बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है कि क्या मोहम्मद यूनूस की उलटी शुरू हो चुकी है। मालूम हो कि बांग्लादेश में फरवरी में चुनाव होने है, जिससे पहले ये हिंसा की जा रही है। मोहम्मद यूनूस की अंतरिम सरकार लगातार भारत के खिलाफ जगह उगल रही है। वहीं अब देखना होगा कि भारत का अगला कदम क्या होने जा रहा है?






