World Most Powerful Countries: दबदबे की जंग में अपना प्रभुत्व करने की एक होड़ सी मची रहती है। घर-परिवार से लेकर दफ्तर, देश-दुनिया तक ये नियम समान रूप से लागू होता है। इन सभी स्थलों पर सबकी कोशिश रहती है कि हम सर्वशक्तिमान बनकर अपना प्रभुत्व कायम रखें। इसी तर्ज में वर्ल्ड मोस्ट पावरफुल कंट्रीज की सूची भी जारी की जाती है। Forbes ने वर्ष 2025 में भी दुनिया के शक्तिशाली देशों की सूची जारी कर दी है। इसमें टॉप 10 में अमेरिका, इजरायल, सऊदी अरब, चीन व अन्य कुछ देश शामिल हैं। भारत की बात करें तो World Most Powerful Countries की सूची में हमारा देश 12वें स्थान पर है।
कैसे निर्धारित होती है World Most Powerful Countries की रैंकिंग?
दुनिया के तमाम शक्तिशाली देशों की गणना Forbes द्वारा एक तय मानक के आधार पर की जाती है। इसमें इन प्रमुख बातों का ख्याल रखा जाता है-
1- देश का नेतृत्व
2- आर्थिक प्रभाव
3- राजनीतिक प्रभाव
4- मजबूत अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन
5- सैन्य शक्ति
वर्ल्ड मोस्ट पावरफुल कंट्रीज की सूची में शामिल देशों का नाम
अमेरिका, जर्मनी, इजरायल, सऊदी अरब समेत दुनिया के कई देश World Most Powerful Countries की सूची में आते हैं। एक टेबल के माध्यम से हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताएंगे।
स्थान & देश | GDP | जनसंख्या | क्षेत्र |
1- अमेरिका | $30.34 ट्रिलियन | 34.5 करोड़ | उत्तर अमेरिका |
2- चीन | $19.53 ट्रिलियन | 141.9 करोड़ | एशिया |
3- रूस | $2.2 ट्रिलियन | 144.4 करोड़ | पूर्वी से उत्तरी एशिया |
4- UK | $3.73 ट्रिलियन | 6.91 करोड़ | यूरोप |
5- जर्मनी | $4.92 ट्रिलियन | 8.45 करोड़ | यूरोप |
6- साउथ कोरिया | $1.95 ट्रिलियन | 5.17 करोड़ | पूर्वी एशिया |
7- फ्रांस | $3.28 ट्रिलियन | 6.65 करोड़ | यूरोप |
8- जापान | $4.39 ट्रिलियन | 12.37 करोड़ | पूर्वी एशिया |
9- सऊदी अरब | $1.14 ट्रिलियन | 3.39 करोड़ | एशिया |
10- इजरायल | $550.91 बिलियन | 93.8 लाख | पश्चिमी एशिया |
भारत को स्थान नहीं मिलने पर उठे सवाल
Forbes द्वारा जारी की गई दुनिया के टॉप 10 शक्तिशाली देशों की सूची में भारत को स्थान नही मिलने पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। भारत का आर्थिक प्रभाव, राजनीतिक प्रभाव और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत पैठ है। इसके बावजूद भारत को टॉप-10 शक्तिशाली देशों की सूची में नहीं रखा गया है। Forbes का मानना है कि भारत तय मानकों पर खरा नहीं उतर सका है, इसीलिए अन्य देशों को जगह मिली है।