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पहलगाम मुद्दे पर PAK को ड्रैगन का समर्थन! US-China Trade War के बीच भारत को अस्थिर करने से किसको होगा फायदा–Pakistan या चीन?

India Pakistan News: वैश्विक स्तर पर घिरे पाकिस्तान को ड्रैगन का समर्थन मिलता नजर आ रहा है। अब दोनों मुल्क भारत को अस्थिर करने की साजिश रचते देखे जा सकते हैं। हालांकि, यदि चीन का दाव उलटा पड़ा, तो उसकी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट भारत की ओर शिफ्ट होकर पूरे समीकरण को बदल सकती है। इन्हीं संभावनाओं पर हम यहां चर्चा करेंगे।

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Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

India Pakistan News: नापाक मंसूबों के साथ भारत को अस्थिर करने की साजिश रच रहे दुश्मनों की अब खैर नहीं है। उन्हें पता है कि वे लाख कोशिशे कर लें, पर भारत का बाल भी बांका नहीं कर सकते हैं। हालांकि, आतंक के आका के नापाक मंसूबों को ड्रैगन भी समर्थन देता नजर आ रहा है। फ्रंट पर भारत के खिलाफ लोहा लेने से हिचक रहा चीन भारत को अस्थिर करने की दिशा में पहलगाम मुद्दे पर Pakistan को समर्थन दे रहा है।

इशारों-इशारों में चीन ने पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाए हैं। खास बात है कि ये सारे समीकरण US-China Trade War के बीच बदल रहे हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद बदले इस समीकरण को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। पूछा जा रहा है कि भारत को अस्थिर करने की कोशिश से चीन या पाकिस्तान किस पर असर हो सकता है? तो आइए हम आपको सब कुछ विस्तार से बताते हैं। (India Pakistan News)

भारत को अस्थिर करने के प्रयास से किसको होगा फायदा?

बदले समीकरण का लब्बोलुआब इस कदर है कि वैश्विक स्तर पर भारत के समर्थन में तमाम देश उतर चुके हैं। आलम ये है कि भारत पर सदैव बुरी नजर रखने वाले हिल चुके हैं। यही वजह है कि पहलगाम हमले के बाद चीन, आतंक के आका पाकिस्तान के सुर में सुर मिला रहा है। ऐसे में यदि चीन का दाव उल्टा पड़ा और वहां से मैन्यूफैक्चरिंग भारत की ओर आकर्षित होती है, तो ड्रैगन औंधे मुंह गिर सकता है।

मैन्यूफैक्चरिंग उद्योग भारत की ओर शिफ्ट होने के तमाम संभावनाए भी हैं। भारत में चीन की तुलना में सस्ते लेबर, पोर्ट, बेहतर रेल व रोड कनेक्टिविटी, उभरती अर्थव्यवस्था, मेहनती लोग और अच्छी संरचना है। ऐसे में भारत उन तमाम पहलुओं पर खरा उतर रहा है जो स्थिरता के लिए चाहिए। ऐसे में यदि इस बदले समीकरण में विनिर्माण उद्योग चीन से शिफ्ट होके भारत आता है, तो ड्रैगन को मुंह की खानी पड़ेगी और उसे तगड़ा नुकसान होगा। वहीं भारत इस मौके को भुनाकर आर्थिक रूप से और सशक्त हो सकता है।

‘डूबे को मिला तिनका का सहारा’

ये बातें वर्तमान परिदृश्य में पाकिस्तान पर लागू होती हैं। पहलगाम हमले के बाद वैश्विक स्तर पर घिरे पाकिस्तान की सुर में चीन ने भी सुर मिला दिए हैं। पाकिस्तानी डिप्टी पीएम इशाक डार से टेलिफोनिक वार्तालाप कर चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पहलगाम हमले पर एक निष्पक्ष जांच की बात कही है। यही बात पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी कही थी और पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र किया था। हालांकि, पूरी दुनिया Pakistan के नापाक मंसूबों और कुकृत्य से परिचित है। ऐसे में शक की सुई सदैव कंगाली के मुहाने पर खड़े शहबाज शरीफ के मुल्क पर ही पड़ती नजर आ रही है। फिलहाल, सबकी नजरें भारत पर हैं। सभी जवाबी सैन्य कार्रवाई को लेकर आस लगाए बैठे हैं और देश का हौसला बढ़ा रहे हैं।

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