शनिवार, नवम्बर 1, 2025
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JD Vance: ‘क्यों न आप भी हिंदू धर्म को..’, अमेरिकी उपराष्ट्रपति के बयान पर हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने जताई आपत्ति, जानें सबकुछ

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JD Vance: अमेरिका के उपराष्ट्रपति विवादों में घिरते हुए नजर आ रहे है। दरअसल एक समेनिार के दौरान जेडी वेंस ने कहा था कि वह चाहते है कि उनकी पत्नी ईसाई धर्म को अपनाएं। जिसके बाद से ही यह पूरा विवाद शुरू हो गया था। मामले को बढ़ता देख जेडी वेंस ने इस मामले में अपनी सफाई दी है। इसी बीच हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने इस मामले में अपनी आपत्ति जताई है। फाउंडेशन की तरफ से जेडी वेंस को टेग करके कहा गया है कि क्यों ना आप ही हिंदू धर्म को अपना ले। चलिए आपको बताते है इससे जुड़ी सभी अहम जानकारी।

बढ़ते विवाद के बीच JD Vance ने दी सफाई

मामले को बढ़ता देख जेडी वेंस ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जानकारी देते हुए लिखा कि कितनी घिनौनी टिप्पणी है, और इस तरह की यह अकेली टिप्पणी नहीं है। सबसे पहले, यह सवाल मेरे बाईं ओर बैठे एक व्यक्ति ने मेरे अंतर्धार्मिक विवाह के बारे में पूछा था। मैं एक सार्वजनिक हस्ती हूँ, और लोग उत्सुक होते हैं, और मैं इस सवाल से बचने वाला नहीं था। दूसरी बात, मेरा ईसाई धर्म मुझे बताता है कि सुसमाचार सत्य है और मनुष्यों के लिए अच्छा है। मेरी पत्नी – जैसा कि मैंने टीपीयूएसए में कहा था – मेरे जीवन का सबसे अद्भुत आशीर्वाद है।

उसने खुद कई साल पहले मुझे अपने धर्म में फिर से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया था। वह ईसाई नहीं है और उसका धर्म परिवर्तन करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन अंतर्धार्मिक विवाह – या किसी भी अंतर्धार्मिक रिश्ते में रहने वाले कई लोगों की तरह – मुझे उम्मीद है कि एक दिन वह भी चीजों को मेरी तरह देख पाएगी।

जेडी वेंस के बयान पर हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने जताई आपत्ति

जेडी वेंस के बयान के बाद मानो इंटरनेट पर एक अलग तरह की बहस छिड़ गई। जिसके बाद कई तरह के सवाल खड़े होने लगे। इसी बीच हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल के माध्यम से लिखा कि “सादर JDVance, अगर आपकी पत्नी ने आपको अपने धर्म से फिर जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया है, तो क्यों न आप भी वैसा ही करें और हिंदू धर्म से जुड़ें?

अगर आपने ऐसा किया है, तो आपको यह समझ आ सकता है कि हिंदू धर्म में यह ज़रूरी नहीं है कि आप अपने जीवनसाथी से यह उम्मीद करें कि वह धर्म के मामले में आपकी तरह ही चीज़ों को देखे। इस तरह हिंदू धर्म स्वाभाविक रूप से समावेशी और बहुलवादी है। हम किसी का धर्म परिवर्तन नहीं चाहते। हम इस विचार को मानते हैं कि ईश्वर को समझने के कई तरीके हैं”।

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