Marco Rubio: जहां पहले डोनाल्ड ट्रंप ने दखल देने से मना किया था, वहीं अब अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की आमद हो गई है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने India-Pakistan के बीच बढ़ते इस तनाव के दौर में एस जयशंकर और शहबाज शरीफ से टेलिफोनिक वार्ता की है। इस पूरे घटनाक्रम में Marco Rubio का दखल कई संभावनाओं की ओर इशारा कर रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन, भारत-पाकिस्तान के मध्य इस बढ़ते तनाव को कम कर पाएगा? तो आइए हम इसी सवाल के इर्द-गिर्द चर्चा करते हुए जवाब ढूंढ़ने की कोशिश करते हैं।
ट्रंप के करीबी विदेश मंत्री Marco Rubio की S Jaishankar और Shehbaz Sharif से खास वार्ता!
एक बड़ी खबर अंतर्राष्ट्रीय जगत में सुर्खियों बटोर रही हैं जिसका केन्द्र मार्को रुबियो हैं। रुबियो वो शख्स हैं जिन्हें डोनाल्ड ट्रंप का साया कहा जाता है। खबर ये है कि अमेरिकी विदेश मंत्री ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने की पहल की है। पहलगाम हमले के बाद बढ़ते तनाव के दौर में Marco Rubio ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ से वार्ता की है। जानकारी के मुताबिक अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा है कि आतंकियों को कटघरे में लाया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त रुबियो ने भारत और पाकिस्तान दोनों को क्षेत्रीय तनाव को कम करने और दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित किया है। Marco Rubio ने शहबाज शरीफ से बात करते हुए कहा है कि पाकिस्तान जांच में सहयोग करे और शांति वार्ता पर विचार करे।
क्या India-Pakistan के मध्य तकरार को विराम देने में सफल होगा ट्रंप शासन?
ये बड़ा सवाल है जिसका जवाब अभी भविष्य के गर्भ में है। ऐसे में हम इसको लेकर कुछ भी पुख्ता रूप से नहीं कह सकते हैं। हां, ये जरूर है कि वैश्विक शक्ति होने के नाते मार्को रुबियो ने भारत-पाकिस्तान के मध्य तनाव कम करने की एक पह जरूर की है। हालांकि, आतंक के आका पाकिस्तान के खिलाफ भारत का रुख स्पष्ट है। भारत की ओर से संकेत दिया गया है कि आतंकियों से राष्ट्र अपने तरीके से निपटेगा। NSAB का पुनर्गठन, CCS मीटिंग व तमाम अन्य बैठकों का दौर भारत के सख्त रुख का संकेत है। ऐसे में ये कहना जल्दबाजी होगी कि Marco Rubio के माध्यम से अमेरिका, भारत-पाकिस्तान के मध्य तनाव कम कर सकता है।