Mexico Tariffs: अमेरिका के बाद मैक्सिको सरकार ने भी भारत समेत एशिया के कई देशों पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगा दिया है। रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक व्यापार समूहों के विरोध के बावजूद, मैक्सिको की सीनेट ने बुधवार को चीन और कई अन्य एशियाई देशों से आयात पर अगले साल तक 50% तक टैरिफ बढ़ाने को मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य स्थानीय उद्योग को बढ़ावा देना है। बता दें कि इसमे भारत का नाम भी शामिल है। हालांकि भारत सरकार की तरफ से इसे लेकर किसी प्रकार की भी टिप्पणी सामने नहीं आई है। आईए इस लेख के माध्यम से समझते है कि इस टैरिफ से भारत पर कितना असर पड़ने वाला है। ट्रेड वॉर के बीच यह फैसला भारत की टेंशन बढ़ाएगा या फिर कोई बड़ा उलटफेर होगा।
मैक्सिको ने भारत पर लगाया 50 प्रतिशत का टैरिफ
निचले सदन द्वारा पहले पारित प्रस्ताव के अनुसार, 2026 से कुछ वस्तुओं जैसे कि ऑटोमोबाइल, ऑटो पार्ट्स, वस्त्र, कपड़े, प्लास्टिक और स्टील पर 50% तक का शुल्क लगाया जाएगा या बढ़ाया जाएगा। यह शुल्क उन देशों से आएगा जिनका मैक्सिको के साथ कोई व्यापार समझौता नहीं है, जिनमें चीन, भारत, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और इंडोनेशिया शामिल हैं। अधिकांश उत्पादों पर 35% तक का शुल्क लागू होगा। माना जा रहा है कि इससे टेक्सटाइल, लेदर गुड्स, ऑटो पार्ट्स और स्टील जैसे सेक्टर्स में भारत की प्रतिस्पर्धा कम हो सकती है।
यानि यह साफ है कि भारतीय निर्यातकों पर इसका असर पड़ने वाला है। हालांकि एक्सपर्ट की तरफ से यह कहा जा रहा है कि इससे भारत पर बहुत प्रभाव तो नहीं पड़ेगा, लेकिन निर्यातकों को कम मुनाफा होने की उम्मीद है।
भारत-मौक्सिको के बीच कितना होता है आयात और निर्यात
रिपोर्टस के मुताबिक पिछले कुछ सालों में भारत और मैक्सिको के बीच व्यापार समझौते को लेकर कई अहम प्रकार की जानकारी सामने आई है। साल 2022 में, दोनों देशों के बीच वस्तुओं का व्यापार 11.4 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। वहीं अगर साल 2024 की बात करें तो भारत का निर्यात लगभग 8.9 अरब डॉलर था, जबकि आयात 2.8 अरब डॉलर था। कई एक्सपर्ट का मानना है कि इससे मैक्सिको को ज्यादा नुकसान होने की उम्मीद है। वहीं अब देखना दिलचस्प होगा कि भारत सरकार किसी तरह से इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देती है।
