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‘6 करोड़ बलूच देशभक्त भारत के…’ बगैर लड़े भारत में शामिल होगा बलूचिस्तान ? बलूच नेता Mir Yar Baloch का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को खुला समर्थन

Mir Yar Baloch: भारत के रक्षा मंत्री ने बीते दिन यानि 22 सितंबर को एक ऐसा बयान दिया, जिससे पाकिस्तानियों की नींद उड़ सकती है।

Mir Yar Baloch
Rajnath Singh - फाइल फोटो प्रतीकात्मक

Mir Yar Baloch: भारत के रक्षा मंत्री ने बीते दिन यानि 22 सितंबर को एक ऐसा बयान दिया, जिससे पाकिस्तानियों की नींद उड़ सकती है। दरअसल राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा था कि भारत बिना किसी आक्रामक कदम के पीओके पर नियंत्रण वापस ले लेगा, क्योंकि इस क्षेत्र के लोग मौजूदा सरकार से आजादी की मांग कर रहे है। वहीं अब बलूच नेता मीर यार बलूच भारत के रक्षा मंत्री को खुला समर्थन दे दिया है, जिसके बाद कहीं ना कहीं पाक की नींद उड़ सकती है। बलूच नेता ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट लिखकर राजनाथ सिंह को खुला समर्थन दिया था।

6 करोड़ बलूच देशभक्त भारत के साथ – Mir Yar Baloch

बता दें बलूच नेता मीर यार बलूच ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि बलूचिस्तान गणराज्य के 6 करोड़ बलूच देशभक्त भारत के रक्षा मंत्री श्री rajnath singh सिंह जी के हालिया नीतिगत वक्तव्य का तहे दिल से स्वागत और समर्थन करते हैं, जिसमें कहा गया है कि “पीओके अपने आप हमारा होगा। पीओके में माँगें उठने लगी हैं,

आपने नारेबाज़ी सुनी होगी”। हमारा मानना ​​है कि पीओके का भारत में पुनः एकीकरण न केवल एक ऐतिहासिक आवश्यकता है, बल्कि पाकिस्तान की भ्रष्ट और कट्टरपंथी सेना के अवैध कब्जे में पीओके के लोगों द्वारा दशकों से झेली जा रही पीड़ा को समाप्त करने की दिशा में एक उचित कदम भी है।

बलूचिस्तान कंधे से कंधा मिलाकर भारत के साथ खड़ा है

मीर यार बलूच ने आगे कहा कि “बलूचिस्तान गणराज्य अपने उचित उद्देश्य के लिए भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि पीओके का भारत में पुनः विलय स्थिरता लाएगा, सीमा पार आतंकवाद का अंत करेगा और पाकिस्तान के छद्म युद्धों के नेटवर्क को ध्वस्त करेगा। जिस प्रकार भारत ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करके साहसिक संकल्प दिखाया है, उसी प्रकार हमें विश्वास है कि अपने क्षेत्र को पुनः प्राप्त करने की नई दिल्ली की प्रतिबद्धता बलूच, सिंधी और पश्तून राष्ट्रों को पाकिस्तान के दमनकारी शासन से मुक्ति पाने के उनके संघर्ष में प्रेरणा देगी और ऐसे ऐतिहासिक निर्णयों की दुनिया भर में सराहना होगी”।

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