Monday, May 19, 2025
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Nurse Nimisha Priya के सिर मंडरा रहा फांसी का खतरा! परिजनों की उम्मीद अभी बरकरार, जानें क्या है पति थॉमस का पक्ष?

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Nurse Nimisha Priya: यमन की जेल में मौत की सजा का सामना कर रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के परिवार की उम्मीदें अभी भी बरकरार हैं। उनके पति टोमी थॉमस और छोटी बेटी को विश्वास है कि पीड़ित परिवार को ब्लड मनी देकर मामले को सुलझाया जा सकता है। हालांकि, समय तेजी से निकल रहा है, क्योंकि यमन के राष्ट्रपति ने Nurse Nimisha Priya के मौत की सजा को मंजूरी दे दी है और फांसी का खतरा उनके सिर पर मंडरा रहा है।

न्याय के लिए जद्दोजहद करता Nurse Nimisha Priya का परिवार

टोमी थॉमस, जो कभी यमन में रहते थे, अब अपनी पत्नी की वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने बताया, हमारी बेटी अपनी मां को बहुत याद करती है। टोमी को विश्वास है कि महदी के परिवार को ब्लड मनी के लिए राजी किया जा सकता है, जिससे नर्स निमिषा प्रिया की जान बचाई जा सके। निमिषा की मां प्रेमा कुमारी ने अपनी बेटी की रिहाई के लिए बड़ी कोशिशें की हैं। वह Yemen जाकर खुद पीड़ित के परिवार से बातचीत कर चुकी हैं। उन्होंने मलयालम टीवी पर आंसुओं के साथ मदद की गुहार लगाई, जिससे इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग और तेज हो गई।

विवाद के बाद तेजी से बदली स्थिति

नर्स निमिषा प्रिया ने 2008 में अपने केरल स्थित परिवार की आर्थिक मदद के लिए यमन का रुख किया था। अस्पतालों में काम करने के बाद उन्होंने अपनी क्लिनिक शुरू की। लेकिन 2017 में उनके यमनी बिजनेस पार्टनर महदी के साथ हुए विवाद ने एक दुखद मोड़ ले लिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, निमिषा ने महदी को उनकी जब्त की हुई पासपोर्ट वापस लेने के लिए बेहोशी का इंजेक्शन दिया। लेकिन दवा की अधिक मात्रा से महदी की मौत हो गई। निमिषा को देश छोड़ने की कोशिश करते हुए गिरफ्तार कर लिया गया और हत्या का आरोप लगाया गया। 2020 में ट्रायल कोर्ट ने Nurse Nimisha Priya को मौत की सजा सुनाई। 2023 में यमन की सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने इस सजा को बरकरार रखा, लेकिन ब्लड मनी के जरिए मामला सुलझाने का विकल्प खुला रखा।

नर्स निमिषा प्रिया को बचाने की कोशिश में जुटा परिवार

इस महीने, जब Yemen के राष्ट्रपति ने नर्स निमिषा प्रिया की फांसी को मंजूरी दी, तो मामले की गंभीरता और बढ़ गई। संभव है कि कुछ ही हफ्तों में फांसी हो जाए। ऐसे में परिवार और समर्थक समय के खिलाफ दौड़ लगा रहे हैं। ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’, जो यमन में एनआरआई सामाजिक कार्यकर्ताओं का समूह है, उनकी रिहाई के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। ब्लड मनी जुटाने और पीड़ित परिवार से माफी मांगने के लिए हर रास्ता तलाशा जा रहा है।

Nurse Nimisha Priya का मामला उन मुश्किल हालातों का उदाहरण है, जिनका भारतीय नागरिकों को विदेश में सामना करना पड़ता है। उनके परिवार के लिए ब्लड मनी के जरिए सुलह की उम्मीद आखिरी और एकमात्र विकल्प है। समय तेजी से बीत रहा है, और हर कोई उम्मीद कर रहा है कि यह मामला जल्द ही सुलझे और निमिषा अपने परिवार से दोबारा मिल सके।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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