Imran Khan: इस्लामाबाद में झमाझम बारिश के बीच भी सियासी मौसम की गर्माहट साफ तौर पर महसूस की जा सकती है। इसकी खास वजह है पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की एक टिप्पणी जिसमें उन्होंने आसिम मुनीर को तानाशह याह्या खान बता दिया है। पाकिस्तान में तख्तापलट को अंजाम दे चुके क्रूर शासक याह्या खान से आसिम मुनीर की तुलना करते हुए Imran Khan ने सनसनी मचा दी है। पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि आसिम मुनीर वैसे ही सेना को बदनाम कर रहे है, जैसे कभी याह्या खान ने किया था। ऐसे में कई सवाल हैं जो इमरान खान के सनसनीखेज बयान के इर्द-गिर्द उठ रहे हैं। पूछा जा रहा है कि क्या पाकिस्तान में फिर तख्तापलट होगा? क्या आसिम मुनीर याह्या खान के जैसे ही हुक्मरानों को झटका देंगे? तो आइए इस सवालों का जवाब ढूंढ़ने की कोशिश करते हैं।
सेना प्रमुख आसिम मुनीर पर जमकर बरसे पूर्व पीएम Imran Khan
पड़ोसी मुल्क के पूर्व प्रधानमंत्री अपने ही सेना प्रमुख को कटघरे में खड़ा कर इशारों-इशारों में तख्तापलट की आशंका व्यक्त कर रहे हैं। इमरान खान ने आसिम मुनीर पर हमला बोलते हुए कहा है कि “देश मुनीर लॉ के तहत चल रहा है। यह आर्मी चीफ सेना को वैसे ही बदनाम कर रहा है जैसे कभी याह्या खान ने किया था।” यहां पाकिस्तानी सेना प्रमुख की तुलना याह्या खान से करना कई संभावनाओं की ओर इशारा करता है। क्या Imran Khan को भी तख्तापलट का डर तो नहीं सता रहा। दरअसल, आसिम मुनीर फिलहाल पीएम शहबाज शरीफ, इशाक डार, ख्वाजा आसिफ समेत तमाम पाकिस्तानी हुक्मरानों के प्रिय हैं। सत्ता से सेना प्रमुख की बढ़ती नजदीकी और दखल को देख इमरान खान ने पहले ही हुकूमत को आगाह कर दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि मुनीर अगले याह्या खान होंगे जिसका आशय मुल्क में तख्तापलट है।
क्या पाकिस्तान में फिर होगा तख्तापलट?
इसकी आशंका कई नेता व पाकिस्तानी सोशल एक्टिविस्ट जता चुके हैं। दरअसल, पाकिस्तानी हुकूमत के हर फैसलों में आसिम मुनीर की दखल बढ़ गई है। अमेरिका से लेकर चीन, बांग्लादेश समेत अन्य तमाम मुल्कों से बातचीत पर मुनीर अपनी देख-रेख में कर रहे हैं। ये शहबाज शरीफ और उनकी हुकूमत की निरंकुशता को दर्शाता है। यही वजह है कि Imran Khan ने आसिम मुनीर को दूसरा याह्या खान बता दिया है। यदि मुनीर के कदम ऐसे ही बढ़ते रहे, तो इमरान खान की कही बात सच हो सकती है और पाकिस्तान एक बार फिर तख्तापलट का गवाह बन सकता है।
दरअसल, याह्या खान के दौर में पूर्व तानाशाह अयूब खान की निरंकुशता सामने आई थी। 1966 में आर्मी चीफ बने याह्या खान ने वक्त की नजाकत को देखते हुए सत्ता हथियाने का काम किया और शेख मुजीब रहमान को कैद कर 1969 से 1971 तक राष्ट्रपति बने रहे। उस दौर में भी पाकिस्तानी हुक्मरानों की गतिविधियों में सेना की दखल तेज थी जिसका परिणाम तख्तापलट के रूप में देखने को मिला। यही वजह है कि फिर एक बार दिशाहीन होती जा रही पाकिस्तानी सत्ता को देकते हुए आसिम मुनीर द्वारा तख्तापलट किए जाने की आशंका तेज हो हई है। पूर्व पीएम Imran Khan की बातें बेहद तेजी से पाकिस्तान में चर्चा का विषय बनी हैं।