Pakistan News: राजधानी इस्लामाबाद में हुए धमाके की गूंज दूर तलक पहुंच गई है। यही वजह है कि अशांत बलूचिस्तान में हाई अलर्ट का माहौल है। तालिबानियों से बुरी तरह मात खा चुकी पाकिस्तानी हुकूमत फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। इसी क्रम में बलूचिस्तान के कई जिलों में इंटरनेट सेवा बंद करने का निर्णय लिया गया है।
दावा किया जा रहा है कि पीएम शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तानी हुकूमत ने एहतियात के तौर पर ये फैसला लिया है, ताकि बलूच लिबरेशन आर्मी के लड़ाके उनकी नींद न उड़ा सके। हालांकि, बीएलए अंदरखाने पाकिस्तानी सेना और हुकूमत के खिलाफ विद्रोह की आवाज को बल दे रही है। इस्लामाबाद में हुए धमाके के बाद बलूचिस्तान में भी विद्रोह की आग सुलगने की आशंका तेज है। यही वजह है कि हुकूमत पहले ही घुटने टेकती नजर आ रही है।
बलूचिस्तान तक पहुंची इस्लामाबाद में धधक रही आग की लपटें! – Pakistan News
राजधानी इस्लामाबाद में जिला न्यायालय के समक्ष हुए जोरदार धमाके की लपटें अभी भी धधक रही हैं। आलम ये है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान की हुकूमत आमने-सामने है और जुबानी जंग चल रही है। इस्लामाबाद में हुए धमाके के बाद बलूचिस्तान में सेना हाई अलर्ट पर है। पाकिस्तानी हुकूमत के आदेश पर बलूचिस्तान के कई जिलों में अतिरिक्त सेना की तैनाती और इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
इससे बलूचिस्तान में ऑनलाइन बिजनेस, फ्रीलांसिंग और डिजिटल सेवाएं ठप पड़ गई हैं। दावा किया जा रहा है कि आसिम मुनीर और पीएम शहबाज इस्लामाबाद में हुए जोरदार धमाके के बाद सहम गए हैं और एहतियात के तौर पर बलूचिस्तान को नियंत्रित कर रहे हैं, ताकि किसी तरह की अनहोनी न हो। अब देखना दिलचस्प होगा कि बलूच विद्रोही इस पहरेदारी पर क्या कदम उठाते हैं।
तालिबानियों के बाद क्या बीएलए उड़ाएगी पाकिस्तानी हुकूमत की नींद?
इस सवाल का अभी पुख्ता रूप से कोई जवाब नहीं दिया जा सकता है। दरअसल, बीएलए समय-समय पर पाकिस्तानी हुकूमत का विरोध करते हुए मुनीर सेना को निशाने पर ले चुकी हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी बीएलए को पाकिस्तानी सेना की कई टुकड़ियों पर हमला करते देखा गया था। ऐसे में अब जब पाकिस्तानी हुकूमत बलूचिस्तान में लोगों पर दबाव बना रहा है, तो उनके भीतर से विद्रोह की भावना उपजने की आशंका है।
यही वजह है जहां एक ओर पड़ोसी मुल्क की हुकूमत इस्लामाबाद ब्लास्ट के लिए तालिबानियों को जिम्मेदार ठहरा रही है। वहीं बलूच लड़ाकों के फिर हुंकार भरने की आशंका है। यदि ऐसा हुआ तो पाकिस्तान में गृह युद्ध जैसी स्थिति बन सकती है और बलूच लड़ाके अपनी मांग को आवाज देकर हुकूमत की नींद उड़ा सकते हैं। हालांकि, अभी सबकी नजरें हालिया स्थिति पर टिकी हैं और सभी को इंतजार है कि आगे क्या होगा।






