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PM Modi China Visit: कैलाश मानसरोवर यात्रा से लेकर डायरेक्ट फ्लाइट तक, चीन भारत के बीच शुरू हुआ नया अध्याय! SCO Metting में क्या बोले Xi Jinping और पीएम मोदी? जानें सबकुछ

PM Modi China Visit: प्रधानमंंत्री अपने दो दिवसीय चीन के दौरे पर है, जहांं वह SCO Metting मेंं हिस्सा लेने के लिए पहुंंचे है।

PM Modi China Visit
PM Modi, Xi jinping

PM Modi China Visit: प्रधानमंंत्री अपने दो दिवसीय चीन के दौरे पर है, जहांं वह SCO Metting मेंं हिस्सा लेने के लिए पहुंंचे है। बता देंं कि आज चीन के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री के बीच मुलाकात हुई और कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई। मालूम हो कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए हाई टैरिफ के बाद दुनिया के कई देशोंं का परिदृश्य बदल गया है। बता देंं कि PM Modi China Visit पूरे 7 साल बाद हो रही है, जो कई लिहाज से काफी अहम है।

SCO Metting में क्या बोले PM Modi?

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हमारे विशेष प्रतिनिधियों के बीच सीमा प्रबंधन को लेकर समझौता हो गया है। कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू कर दी गई है। दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें भी बहाल की जा रही हैं। हमारे सहयोग से दोनों देशों के 2.8 अरब लोगों के हित जुड़े हुए हैं।

इससे पूरी मानवता के कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त होगा। हम आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” गौरतलब है कि PM Modi China Visit कई मायनोंं मेंं बेहद खास है, इसके अलावा माना जा रहा है कि भारत और चीन के बीच नया अध्याय शुरू हो सकता है। हालांकि यह कहना अभी जल्दबाजी होगी।

PM Modi China Visit पर क्या बोले Xi Jinping?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक के दौरान, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, “आज दुनिया सदी में एक बार होने वाले बदलावों से गुज़र रही है। अंतर्राष्ट्रीय स्थिति अस्थिर और अराजक दोनों है। इस वर्ष चीन-भारत राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। दोनों पक्षों को अपने संबंधों को रणनीतिक ऊँचाई और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखने और संभालने की आवश्यकता है।

हमें बहुपक्षवाद को बनाए रखने, एक बहुध्रुवीय विश्व और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में अधिक लोकतंत्र लाने के लिए मिलकर काम करने, और एशिया और दुनिया भर में शांति और समृद्धि में अपना सच्चा योगदान देने की अपनी ऐतिहासिक ज़िम्मेदारी को भी पूरा करना होगा। चीन और भारत पूर्व की दो प्राचीन सभ्यताएँ हैं। हम दुनिया के दो सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश हैं, और हम वैश्विक दक्षिण के भी महत्वपूर्ण सदस्य हैं। हम दोनों अपने लोगों की भलाई में सुधार लाने, विकासशील देशों की एकजुटता और पुनरुद्धार को बढ़ावा देने, और मानव समाज की प्रगति को बढ़ावा देने की ऐतिहासिक ज़िम्मेदारी निभाते हैं”।

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