PM Modi Muhammad Yunus: सुगबुगाहट एक बैठक को लेकर तेज है जो कि थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में 4 अप्रैल को संपन्न हुई थी। यहां बात हो रही है चीन और आईएसआई से कथित रूप से नजदीकियां बढ़ा रहे मोहम्मद यूनुस और पीएम मोदी के बीच हुई बैठक की। पीएम मोदी ने तो खरी-खरी बात रखते हुए BIMSTEC सम्मेलन के बाद हुई मीटिंग से जुड़ी ब्रीफिंग साझा कर दी है। इसमें हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले और बांग्लादेश में लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थिरता को बनाए रखने का जिक्र है। एबीपी की एक रिपोर्ट के मुकाबिक इसके अलावा पूर्व पीएम शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई।
हालांकि, भारतीय विदेश सचिव की ओर से इस संबंध में ज्यादा कुछ नहीं कहा गया है। कहने का आशय ये है कि जो मोहम्मद यूनुस पाकिस्तान और चीन जैसे देशों की छत्रछाया में अपनी कथित रणनीति पर चल रहे थे, उन्हें अब पीएम मोदी का सख्त संदेश है। PM Modi Muhammad Yunus ते बीच बैठक के दौरान भारत ने साफ-साफ अंदाज में अपना पक्ष रख दिया है जिसे सुन चीन और पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ सकती है।
बैंकॉक में PM Modi Muhammad Yunus मीटिंग के दौरान भारत का सख्त संदेश
पीएम मोदी के एक्स हैंडल से उनके और मोहम्मद यूनुस के बीच हुई बैठक का सार बताया गया है। पीएम मोदी के एक्स हैंडल से स्पष्ट किया गया है कि “मैंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की। भारत बांग्लादेश के साथ रचनात्मक और जन-केंद्रित संबंधों के लिए प्रतिबद्ध है। मैंने बांग्लादेश में शांति, स्थिरता, समावेशिता और लोकतंत्र के लिए भारत के समर्थन को दोहराया। हमने अवैध सीमा पार करने को रोकने के उपायों पर चर्चा की और हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण के बारे में अपनी गंभीर चिंताएं व्यक्त कीं।”
इससे इतर अनाधिकारिक तौर पर शेख हसीना प्रत्यर्पण पर भी चर्चा होने का जिक्र है, जिसकी जानकारी एबीपी के रिपोर्ट में दी गई है। हालांकि, भारत ने इस संबंध में डिटेल ब्रीफिंग नहीं की है। ऐसे में ये स्पष्ट है कि कथित रूप से चीन और ISI से नजदीकियां बढ़ा रहे मोहम्मद यूनुस की नकेल कसने से भारत कहीं चूकेगा नहीं।
ISI & चीन से मोहम्मद यूनुस की बढ़ती नजदीकियों को लेकर अलर्ट मोड में भारत!
थोड़ा फ्लैशबैक में जाएं, तो उपरोक्त किए गए दावों को बल मिलता नजर आएगा। जनवरी 2025 में कैसे एका-एक ISI के अधिकारियों का ढ़ाका दौरा होता है। पाकिस्तानी आईएसआई की ओर से आलम आमिर अवान और मुहम्मद उस्मान जतीफ जैसे दो ब्रिगेडियर का 21 से 24 जनवरी तक ढ़ाका में रुकना किसी को रास नहीं आया। वहीं 28 मार्च को चीन दौरे पर पहुंचे Muhammd Yunus ने बीजिंग में भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का जिक्र कर दिया। यही वजह है कि तख्तापलट के बाद सत्ता में आए मोहम्मद यूनुस की गतिविधियों को लेकर भारत अलर्ट मोड पर है।
अब ढ़ाका से चली गई एक-एक चाल पर खुद PM Modi की पैनी नजर है। यही वजह है बैंकॉक में PM Modi Muhammad Yunus मीटिंग के दौरान भारत का तल्ख अंदाज नजर आया था। आसार जताए जा रहे हैं कि इस बैठक के बाद भारत-बांग्लादेश के संबंध पटरी पर लौट सकते हैं। फिलहाल सारी संभावनाएं भविष्य के गर्भ मे हैं और सबकी नजरें दोनों देशों में जारी गतिविधियों पर हैं।