PM Modi UK Visit: सैंकड़ो की संख्या में भारतीय मूल के निवासियों द्वारा पीएम मोदी का स्वागत किया गया है। ऐतिहासिक दौरे पर यूके पहुंचे पीएम मोदी मेजबान देश के नेताओं संग कई बैठकों में हिस्सा लेंगे। इसमें सबसे प्रमुख है फ्री ट्रेड डील पर होने वाली वार्ता। दरअसल, पीएम मोदी यूके विजिट के दौरान दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड डील को लेकर फैसला लिया जा सकता है। इसका असर ये होगा कि देश में कई चीजें सस्ती होंगी और कई वस्तुओं की कीमत बढ़ेगी।
इसके साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था, रोजगार और एक्सपोर्ट पर भी असर पड़ने की संभावना है। PM Modi UK Visit के दौरान यदि ट्रेड डील पर बात बन जाती है तो व्यवसाय की दिशा में ये मील का पत्थर साबित होगी। ऐसी स्थिति में सवाल है कि वैश्विक मंच पर होने वाले इस समझौते से क्या इंडिया-अमेरिका टैरिफ वार्ता की राह भी खुल सकेगी? क्या UK में होने वाली डील का असर इंडिया-अमेरिका टैरिफ वार्ता पर भी पड़ सकता है? आइए इन सवालों का जवाब ढूंढ़ने की कोशिश करते हैं।
UK के साथ फ्री ट्रेड डील साबित होगी मील का पत्थर!
भारतीय प्रधानमंत्री लंदन के आधिकारिक दौरे पर जहां उनकी उपस्थिति में भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होगा। इस दौरान व्यापार समझौते में श्रम-प्रधान उत्पादों जैसे चमड़ा, जूते और कपड़ों के निर्यात पर टैक्स हटाने का प्रस्ताव है, जबकि ब्रिटेन से व्हिस्की और कारों का आयात सस्ता करने का प्रस्ताव है। इसका उद्देश्य 2030 तक दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार को दोगुना करके 120 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना है। PM Modi UK Visit के दौरान होने वाली फ्री ट्रेड डील समझौते के बाद 99 फीसदी भारतीय उत्पादों को ब्रिटेन के बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच प्राप्त होगी, जो भारत के वर्तमान व्यापार मूल्य का लगभग पूरा हिस्सा होगा।
मालूम हो कि भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार लगातार बढ़ा है और 2024-25 में दोनों देशों के बीच तगड़ा व्यवसाय हुआ है। आंकड़ों की मानें तो भारत का UK को निर्यात 12.6 फीसदी से बढ़कर 14.5 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि आयात 2.3 फीसदी बढ़कर 8.6 बिलियन डॉलर हो गया है। यही वजह है कि फ्री ड्रेड डील पर सबकी निगाहें टिकी हैं जिससे व्यवसाय को नई दिशा मिलने की संभावना है।
क्या India-America टैरिफ वार्ता पर भी पड़ सकता है असर?
इसको लेकर पुख्ता रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है। अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप पहले ही ऐलान कर चुके है कि भारत-अमेरिका के बीच व्यवयास से जुड़ी नीतियों पर चर्चा का दौर जारी है। मार्को रुबियो और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर भी भारत-अमेरिका के बीच टैरिफ वार्ता को जारी रखने की बात कह चुके हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत और अमेरिका एक निष्कर्श पर पहुंचकर टैरिफ वार्ता को नई दिशा दे सकते हैं। हां, ये जरूर कहा जा सकता है कि PM Modi UK Visit और लंदन में होने वाली फ्री ट्रेड डील नजीर के तौर पर पेश की जा सकती है। अमेरिका यूके के इस कदम पर आगे बढ़ते हुए टैरिफ वार्ता को रफ्तार दे सकता है। हालांकि, अभी पुख्ता निर्णय भविष्य के गर्भ में है जिसके बाद ये स्पष्ट हो सकेगा कि क्या कुछ होना है।