POK Protest: पाकिस्तान की सरकार एक बार फिर अपने ही लोगों से घिर चुकी है, दरअसल पीओके यानि पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों ने शहबाज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, जिसने आसीम मुनीर और शहबाज शरीफ की चिंता बढ़ा दी है। आलम यह है कि भारी संख्या में पीओके के लोग विरोध प्रदर्शन करते हुए नजर आ रहे है। इसी बीच बीते दिन भारत के एयर मार्शल और थल सेना प्रमुख ने पाक के खिलाफ ऐसा कुछ कहा, जिसने पाकिस्तान की टेंशन बढ़ा दी होगी। वहीं पीओके में प्रदर्शनकारी पाक पुलिस के हैलमेट, कपड़े जब्त कर ले रहे है। अब सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या नेपाल के बाद पाक में भी कुछ बड़ा होने वाला है, आईए जानते है इससे जुड़ी सभी अहम जानकारी।
क्या नेपाल के बाद पाकिस्तान का नंबर? POK Protest
पीओके के लोग ने पाक सरकार के खिला मोर्चा खोल दिया है, लाखों की संख्या में लोग शहबाज सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहै है, ताकि उनको उनका हक मिल सके। आलम यह है कि प्रदर्शनकारी पुलिस वाले तक के कपड़े और हैलमेट उतारकर सड़कों पर रख रहे है और उसे टांग रहे है। प्रदर्शन दिन प्रतिदिन उग्र और हिंसक होता जा रहा है। वहीं इसमे 10 से अधिक प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या नेपाल के बाद पाक में कुछ बड़ा होने जा रहा है क्योंकि नेपाल नें भी लगभग ऐसी ही शुरूआत हुई थी।
पीओके में इंडिया कुछ करने जा रहा है बड़ा खेल?
बता दें कि बीते दिन भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाक को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि अगली बार हम संयम नहीं दिखाएंगे। पाकिस्तान को तय करना होगा कि वह भौगोलिक मानचित्र पर बने रहना चाहता है या नहीं।” “पाकिस्तान को शायद यह सोचना होगा कि वह इतिहास और भूगोल में बना रहना चाहता है या नहीं।” भारत शांति चाहता है, लेकिन सीमा पार आतंकवाद या अपनी संप्रभुता के लिए खतरों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
साथ ही उन्होंने अपने जवानों को पूरी तरह से तैयार रहने के लिए कहा है। इसके अलावा एयरफोर्स चीफ ने भी बीते दिन बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक के कितने फाइटर जेट भारत ने मार गिराए थे, साथ ही उन्होंने भी पाक को चेतावनी दी है। जिसके बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है कि क्या भारत पीओके में कुछ बड़ा करने जा रहा है?
भारतीय विदेश मंत्रालय ने पीओके पर दी कड़ी प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शनों की खबरें देखी हैं, जिनमें पाकिस्तानी सेना द्वारा निर्दोष नागरिकों पर की गई बर्बरता भी शामिल है।
हमारा मानना है कि यह पाकिस्तान के दमनकारी रवैये और इन इलाकों से संसाधनों की व्यवस्थित लूट का स्वाभाविक परिणाम है, जो उसके जबरन और अवैध कब्जे में हैं। पाकिस्तान को उसके भयावह मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।”