Republic of Balochistan: नारा है ‘तुम मारोगो, हम निकलेंगे। हम नस्ल बचाने निकले हैं, आओ हमारा साथ दो।’ इसकी गूंज पाकिस्तान के कब्जे वाले बलूचिस्तान में बखूबी सुनी जा सकती है। दरअसल, बलूचियों ने खुले तौर पर रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान का ऐलान कर Pakistan से आजादी की हुंकार भरी है। बलूच नेता मीर यार बलूच के नेतृत्व में सैकड़ों बलूचियों ने पाकिस्तान को ऐसा घेरा है कि चौतरफा उसकी किरकिरी हो रही है। सवाल है कि Republic of Balochistan की घोषणा का पाकिस्तान पर क्या असर पड़ेगा? दुनिया से भले ही रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान को मान्यता न मिली हो, लेकिन अंदरखाने पाकिस्तान इस बात को बखूबी समझता है निकट भविष्य में उसकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बलूचिस्तान के आजाद होने के बाद पाकिस्तान आर्थिक मोर्चे पर ऐसा पिछड़ेगा कि कंगाली का विभत्स दौर देखने को मिल सकता है।
Balochistan की आजादी से आर्थिक मोर्चे पर पिछड़ेगा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान
देश-दुनिया से जुड़ी खबरों पर नजर रखने वाले लोग पाकिस्तान की आय के श्रोत के बारे में बखूबी जानते होंगे। पाकिस्तान एक ऐसा मुल्क है जिसकी अर्थव्यवस्था बलूचिस्तान पर अच्छी-खासी टिकी है। जानकारी के लिए बता दें कि बचूलिस्तान में खनिजों का बड़ा भंडार है। इसमें तांबा, सोना, कोयला, क्रोमाइट और अन्य कीमती खनिज शामिल हैं। यही वजह है कि दुनिया के तमाम हिस्सों में बूचिस्तान को खनिज संपदा का खजाना भी कहा जाता है। वर्तमान स्थिति को देखें तो Balochistan पर पाकिस्तान का कब्जा है और इसी खनिज पर पड़ोसी मुल्क की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है। ऐसे में यदि आधिकारिक रूप से Republic of Balochistan की घोषणा हो गई, तो पड़ोसी मुल्क आर्थिक रूप से बुरी तरह पिछड़ेगा और कंगाली का एक नया दौर देखने को मिलेगा।
Republic of Balochistan की घोषणा से पाकिस्तान में हड़कंप
अंदरखाने पाकिस्तान में हड़कंप की स्थिति है। एक ओर जहां भारत पड़ोसी मुल्क को सैन्य कार्रवाई की मदद से घाव दे रहा है, तो वहीं दूसरी ओर BLA व बलूची नागरिक हैं जो पाकिस्तान की नींद उड़ा रहे हैं। रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान की घोषणा उसी का एक हिस्सा मात्र है। बलूच नेता मीर यार बलोच ने तो Republic of Balochistan की घोषणा करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं है। उन्होंने पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह को मेंशन करते हुए भारतीय लोगों से बलूचिस्तान आने और संबंध बढ़ाने की अपील की है। आजाद बलूचिस्तान का जिक्र करते हुए मीर यार बलूच ने साफ कर दिया है कि हमने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा 11 अगस्त 1947 को ही कर दी थी, जब अंग्रेज बलूचिस्तान और उपमहाद्वीप छोड़ रहे थे।