S Jaishankar: बेबाक शैली के साथ पड़ोसी मुल्क को कई मर्तवा फटकार चुके भारतीय विदेश मंत्री आज चीन की राजधानी बीजिंग में मौजूद हैं। इस दौरान एस जयशंकर ने चीनी राष्ट्रपति Xi Jinping से मुलाकात की है। अमेरिकी में चली बैठक के दौर के बाद बीजिंग में जिनपिंग और भारतीय विदेश मंत्री की ये मुलाकात पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को निश्चित तौर पर खटकेगी। पाकिस्तान एक ऐसा मुल्क है जो चीन को अपना हिमायती समझता है। ऐसी स्थिति में S Jaishankar का चीनी राष्ट्रपति से मिलना निश्चित रूप से पीएम शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर की नींद उड़ाएगा। शी जिनपिंग से हुई मुलाकात के बाद एस जयशंकर ने ऐसी बात कही है, जो पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के लिए दोहरे झटके के समान है। ऐसे में आइए हम आपको बीजिंग में हुई मुलाकात के मायने विस्तार से बताते हैं।
Xi Jinping से आंखों में आंख डालकर मिले विदेश मंत्री S Jaishankar
सामान्य तौर पर जिनपिंग विदेश मंत्रियों से मुलाकात नहीं करते। मगर भारत और एस जयशंकर का कद इतना बड़ा है कि जिनपिंग खुद मुलाकात को बेताब दिखे और गर्मजोशी के साथ भारतीय विदेश मंत्री से मिले। इस दौरान एस जयशंकर ने आंखों में आंख डालकर मजबूती से हाथ मिलाया और भारत का संदेश चीनी राष्ट्रपति तक पहुंचाया। S Jaishankar के एक्स हैंडल से जारी तस्वीर में दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात देखी जा सकती है।
भारतीय विदेश मंत्री लिखते हैं कि “आज सुबह बीजिंग में अपने साथी एससीओ विदेश मंत्रियों के साथ राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभिवादन पहुँचाया। राष्ट्रपति शी को हमारे द्विपक्षीय संबंधों में हाल ही में हुई प्रगति से अवगत कराया। इस संबंध में हमारे नेताओं के मार्गदर्शन को महत्व देता हूँ।” ये दर्शाता है कि भारत-चीन का संबंद नए दौर में प्रवेश कर रहा है।
विदेश मंत्री का अंदाज देख उड़ी पाकिस्तान की नींद!
चीन को हिमायती बता-बताकर पाकिस्तान ने दुनिया भर में मजमा लूटने का काम किया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी इसकी कुछ झलक देखने को मिली थी। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्री S Jaishankar द्वारा बनाए गए समीकरण ने पड़ोसी मुल्क की नींद उड़ा दी है। जिस गर्मजोशी और विश्वास के साथ एस जयशंकर बीजिंग में शी जिनपिंग से मिले हैं, वो देखने लायक था। यही वजह है कि पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर के अंदरखाने परेशान होने की बात कही जा रही है।
दावा किया जा रहा है चीन से पहले अमेरिका में भी एस जयशंकर पहले डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे। इसके बाद कई दौरे कर मार्को रुबियो, तुलसी गबार्ड, FBI डायरेक्टर काश पटेल समेत सत्ता की शीर्ष पर बैठे कई नेताओं से मिले। उस दौरान S Jaishankar का दबदबा अमेरिका में था जिसे अब चीन में भी गति मिल रही है। यही वजह है कि पड़ोसी मुल्क अंदरखाने त्रस्त नजर आ रहा है।