Marco Rubio: अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से आई एक तल्ख प्रतिक्रिया ने पाकिस्तानी हुकूमत को करारा झटका दिया है। मार्को रुबियो ने पीएम शहबाज शरीफ के साथ आसिम मुनीर के उम्मीदों पर पानी फेरते हुए भारत-अमेरिका के मजबूत संबंधों की वकालत की है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ घनिष्ठ संबंध चाहता है, लेकिन भारत की कीमत पर नहीं।
मतलब साफ है कि अमेरिका, भारत को दरकिनार कर पाकिस्तानी हुकूमत से संबंध गाढ़े नहीं करेगा। इस एक बयान मात्र से ही पीएम शहबाज और आसिम मुनीर के सपने टूट गए हैं और पाकिस्तान में हाय तौबा मची है। दूसरी ओर भारत मूक दर्शक बन गदगद भाव के साथ खेल का मजा ले रहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्री Marco Rubio के बयान से पाकिस्तान में हाय तौबा
पाकिस्तान में अमेरिकी विदेश मंत्री के एक बयान को लेकर हाय तौबा मची है। दरअसल, मार्को रुबियो ने साफ कर दिया है कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ मजबूत संबंध चाहता है, लेकिन भारत की कीमत पर नहीं।
मार्को रुबियो ने साफ किया है कि “मुझे लगता है कि कूटनीति और उस तरह की चीज़ों के मामले में भारत बहुत परिपक्व है। उनके ऐसे देशों के साथ संबंध हैं जिनके साथ हमारे संबंध नहीं हैं। इसलिए, यह एक परिपक्व, व्यावहारिक विदेश नीति का हिस्सा है। पाकिस्तान के साथ हम (अमेरिका) जो कुछ भी कर रहे हैं, वह भारत के साथ हमारे संबंधों या मित्रता की कीमत पर नहीं है, जो कि गहरे, ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण हैं।”
मार्को रुबियो के इस बयान से स्पष्ट है कि अमेरिका भारत के साथ अपने संबंधों को पड़ोसी मुल्क की शर्तों पर नहीं, बल्कि ऐतिहासिक महत्व के आधार पर देखता है। ये परिदृश्य पीएम शहबाज के साथ सेना प्रमुख आसिम मुनीर के लिए भी झटका है।
विदेश मंत्री मार्को रुबियो का बयान सुन टूटे पीएम शहबाज और मुनीर के सपने!
पाकिस्तान जहां एक ओर अमेरिका से एकतरफा संबंध साधने में जुटा था। वहीं मार्को रुबियो के एक बयान से उनके सपने टूट गए हैं। आसिम मुनीर का वाशिंगटन जाकर डोनाल्ड ट्रंप के साथ लंच करना। पीएम शहबाज शरीफ का अमेरिकी राष्ट्रपति की तारीफ में पुल बांधना और अनेकों घटनाक्रम देखने को मिले जब पाकिस्तान खुद को अमेरिका के हिमायती के तौर पर पेश करता नजर आया।
दूसरी ओर भारत अपनी नीतियों के साथ विकास पक्ष पर बढ़ता रहा। आलम ये हुआ कि अमेरिका को भारत के महत्व का बखूबी अंदाजा हो गया और आज विदेश मंत्री ने अपने बयानों से सब साफ कर दिया है। मार्को रुबियो ने साफ तौर पर ये बता दिय है कि पाकिस्तानी हुकूमत चाहें जितना खुद को अमेरिका के हिमायती के तौर पर पेश करे। भारत के साथ उनके संबंध उसी परिपक्वता के साथ आगे बढ़ेंगे। ये टिप्पणी पीएम शहबाज के साथ आसिम मुनीर के सपनों को तोड़ने जैसा है।
