Bulandshahr Viral Video: भारत में एक समस्या जो भयंकर तरीके से बढ़ रही है वो है आवारा कुत्तों को संख्या, जिसके लिए न तो सरकार कोई ठोस कदम उठा रही है और न ही लोग समझने को तैयार है। कुत्तों के काटने से एक जानलेवा बीमारी फैलती है जो है रेबीज। इस वायरस का टीकाकरण उपलब्ध है और सलाह दी जाती है कि कुत्ते , बिल्ली या बंदर के काटने पर तुरंत रेबीज का टीकाकरण करना चाहिए। यहां जरा सी लापरवाही जानलेवा साबित होती है और ऐसा ही कुछ हुआ बुलंदशहर के स्टेट लेवल कबड्डी प्लेयर ब्रजेश सोलंकी के साथ जिन्होंने गली के कुत्ते के काटने पर रेबीज का टीका नहीं लिया और जान गंवानी पड़ी। Bulandshahr Viral Video में ब्रजेश की मौत से पहले का आखिरी वीडियो है जो बेहद दर्दनाक है।
कुत्ते के काटने को नजरअंदाज करने की गलती का देखें बुलंदशहर वायरल वीडियो में अंजाम
जानकारी के मुताबिक रेबीज उनके शरीर में फैल गया था और वो बिल्कुल एक कुत्ते की तरह बर्ताव कर रहे थे। बताया जा रहा है कि ब्रजेश कुत्ते के पिल्ले को बचाने की कोशिश कर रहे थे और उसने ब्रजेश को काट लिया। Bulandshahr Viral Video में ब्रजेश ने अनदेखी की और सोचा कि छोटे पिल्ले के काटने से क्या ही होगा। बस यही लापरवाही भारी पड़ी और जब तक किसी को कुछ पता चलता बात हाथ से निकल चुकी थी। बुलंदशहर वायरल वीडियो में को देख सोशल मीडिया यूजर्स भी पीड़ा में है और अधिकतर का कहना है कि आवारा कुत्तों का कोई परमानेंट सोल्यूशन निकालने की सख्त जरूरत है।
Bulandshahr Viral Video से हटके आवारा कुत्तों की समस्या से ग्रसित है लोग
बुलंदशहर वायरल वीडियो घर के क्लेश नाम के X हैंडल द्वारा शेयर किया गया था जिसे बाद में दीपिका भारद्वाज नाम के यूजर ने शेयर किया है। बुलंदशहर वायरल वीडियो से हटके बता दें कि आवारा कुत्ते मामले में यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट को भी संज्ञान लेना पड़ा कि देश में बीते साल दर साल आवारा कुत्तों के इंसानों को काटने के मामलों में बेतहाशा उछाल आया है। ये संख्या हर साल लाखों में है जब आवारा कुत्तों ने किसी इंसान को काटा हो। बुजुर्गों और बच्चों को इससे सबसे ज्यादा खतरा है फिर भी बस उम्मीद है कि शायद इस समस्या का कुछ निदान होगा। बता दें, एक्सीडेंट के बाद आवारा कुत्तों के हमले में घायल होने की संख्या देश में सबसे ज्यादा है। पशु प्रेम अच्छी बात है पर इंसानी जान के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी सोशल मीडिया पर मौजूद वीडियो /पोस्ट पर आधारित है। डीएनपी इंडिया हिन्दी/लेखक किसी भी प्रकार के दावे और सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।