MP Viral Video: मध्य प्रदेश के दमोह से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है जहां ब्राह्मण समाज कुशवाहा समाज के एक शख्स के साथ कुछ ऐसा करते हुए देखे गए जिसकी वजह से इंसानियत शर्मशार हो सकती है। आजकल के जमाने में भी इस तरह की हरकत वाकई काफी शर्मनाक है। जहां एआई से बनी हुई एक तस्वीर पोस्ट करने की वजह से कुशवाहा समाज के एक शख्स को ब्राह्मण शख्स के पैर धोए हुए पानी को पीना पड़ा। एमपी वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया पर हड़कंप मचा दिया है और निश्चित तौर पर लोगों को इसे देखने के बाद झटका लगा है। एनडीटीवी द्वारा इस खबर को शेयर किया गया है।
एमपी वायरल वीडियो में क्यों हुई तनातनी
वायरल वीडियो को x चैनल से शेयर करते हुए बताया गया कि “मध्य प्रदेश के दमोह जिले के पटेरा ब्लॉक के सतरिया गांव का एक मामला मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाला है। यहां कुशवाहा समाज के एक युवक को सजा के तौर पर अर्थदंड के साथ ब्राह्मण समाज के युवक के पैर धोकर पानी पीने को कहा गया। वीडियो वायरल होने के बाद दोनों पक्ष इसे आपसी मामला बता रहे हैं, हालांकि पुलिस और प्रशासन को अब तक शिकायत का इंतजार है।”
किस गलती की मिली कुशवाहा को सजा
रिपोर्ट के मुताबिक एमपी वायरल वीडियो को लेकर कहा गया कि अन्नू पांडे गांव में शराब बंदी होने के बावजूद शराब बेचने की जुर्रत की जिसके बाद गांव वालों ने 2100 रुपये जुर्माने के साथ माफी की मांग करवाई थी। वहीं बाद में पुरसोत्तम कुशवाहा ने इस पर एआई से एक फोटो बना कर उसे जारी किया जहां अन्नू पांडे के गले में जूतों की माला नजर आई। इसे देखने के बाद कुशवाहा समाज के परसोत्तम कुशवाहा को ब्राह्मण समाज ने अन्नू पांडे के पैर धुलवाने के साथ-साथ उसे पीने के लिए मजबूर किया और 5100 का जुर्माना भी देना पड़ा।
MP Viral Video को लेकर पुलिस को है क्या इंतजार
एमपी वायरल वीडियो को लेकर जो सबसे चौकाने वाली बात यह है कि अभी तक पुलिस को इसके बारे में ऑफीशियली शिकायत नहीं दर्ज की गई है। वहीं दोनों ही समाज की तरफ से यह आपसी मामला बताया जा रहा है। चौका देने वाली बात यह है कि कुशवाहा ने अन्नू पांडे को अपना गुरु तक बता दिया है। एनडीटीवी द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो की बात करें तो इसे 2000 से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं जिस पर लोग अपनी तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी सोशल मीडिया पर मौजूद वीडियो /पोस्ट पर आधारित है। डीएनपी इंडिया हिन्दी/लेखक किसी भी प्रकार के दावे और सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।