Uttarakhand Viral Video: बद्रीनाथ मंदिर जहां श्रद्धालुओं की हुजूम जमा होती है। उनकी बस एक ही तमन्ना होती है कि वह पुण्य प्राप्ति करें और भगवान Badrinath के दर्शन कर सके। चार धाम यात्रा का हिंदू धर्म में काफी महत्व माना जाता है लेकिन इस सब के बीच यह भी सच है कि मंदिर में भक्तजनों के बीच क्लेश भी काफी सुर्खियों में रहते हैं। जहां धक्का मुक्की की खबरें भी आती रहती है। इस सब के बीच उत्तराखंड वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा में है जहां बद्रीनाथ मंदिर के गेट पर फोटो खिंचवाने के लिए श्रद्धालुओं की आपस में भिड़ंत हो गई। आइए देखें Uttarakhand Viral Video।
Badrinath गेट पर देखें भक्त किस तरह उत्तराखंड वायरल वीडियो में करते दिखे लड़ाई
Uttarakhand Viral Video को सचिन गुप्ता चैनल से शेयर किया गया है जहां लिखा गया, “बद्रीनाथ मंदिर के गेट पर फोटो खिंचवाने के लिए श्रद्धालु आपस में ही भिड़ गए। खूब लात घुसे चले। ये श्रद्धालु मन में अगाध श्रद्धा लेकर पुण्य पाने को Badrinath धाम आए थे। इस उत्तराखंड वायरल वीडियो में आप देख सकते हैं किस तरह से श्रद्धालु आपस में धक्का मुक्की और लात घुसे चला रहे हैं। उन्हें इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं है कि इस सिद्ध धाम में आकर उन्हें इस तरह की हरकत नहीं करनी चाहिए। श्रद्धालु श्रद्धा का भाव लेकर तो यहां पहुंचे लेकिन सिर्फ फोटो खिंचवाने की वजह से उनका क्लेश हो गया।
यूजर्स का पारा हुआ Uttarakhand Viral Video को देख हाई
उत्तराखंड वायरल वीडियो को देखने के बाद लोग जमकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं जहां इस वीडियो को 50000 से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं। जहां एक यूजर ने कहा श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए नहीं लगता है फोटो खिंचवाने की होड़ में आए थे। मंदिर के मुख्य गेट पर इतनी भीड़ हुई कि लोग आपस में ही भिड़ गए। लात घुसे चले धक्का मुक्की हुई जैसे कोई दर्शन नहीं चुनावी रैली हो। एक ने लिखा मुझे तो लगता है आजकल मंदिर जाने वालों में कोई श्रद्धा नहीं रह गई है सब अपनी फीड में दिखाने के लिए फोटो खिंचवाने वहां जाते हैं तो कोई राजनीति चमकाने के लिए जाता है ऐसे 90% हैं। 10 फीसदी ही थोड़ी बहुत श्रद्धा वाले लोग होंगे। एक यूजर ने कहा 100 में से 99 वहां घूमने गए थे। बाकी यूजर्स भी अपनी अपनी मजेदार प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी सोशल मीडिया पर मौजूद वीडियो /पोस्ट पर आधारित है। डीएनपी इंडिया हिन्दी/लेखक किसी भी प्रकार के दावे और सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।