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EPFO Rules 2025: पीएफ अकाउंट को लेकर ईपीएफओ का बड़ा उलटफेर! इतनी सैलरी वाले कर्मचारियों को मिलेगा निवेश करने का मौका; जानें पूरी डिटेल

EPFO Rules 2025: अगर आपका भी पीएम अकाउंट नहीं है, और आपकी पहली नौकरी लगी है, तो यह खबर आपके काम की हो सकती है।

EPFO Rules 2025
फाइल फोटो प्रतीकात्मक

EPFO Rules 2025: अगर आपका भी पीएम अकाउंट नहीं है, और आपकी पहली नौकरी लगी है, तो यह खबर आपके काम की हो सकती है। दरअसल ईपीएफओ यानि (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने पीएफ को लेकर एक बड़ी जानकारी दी है। गौरतलब है कि कर्मचारियों के मन में लगातार यह सवाल बना हुआ था कि आखिर कितनी सैलरी वाले कर्मचारियों का पीएफ नहीं कटेगा और कितनी सैलरी वाले कर्मचारियों का पीएफ कटेगा? नए नियम के अनुसार कुछ कर्मचारियों के लिए पीएफ अनिवार्य है और कुछ के लिए नहीं। चलिए आपको बताते है इससे जुड़ी सभी अहम जानकारी।

पीएफ अकाउंट को लेकर EPFO का बड़ा उलटफेर

पीएफ न्यू रूल 2025 के तहत अगर किसी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और डीए मिलाकर 15000 रूपये से कम है तो, ईपीएफओ के अनुसार कंपनी द्वारा उस कर्मचारी का पीएफ काटना अनिवार्य है। वहीं अगर कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डीए मिलाकर 15000 से अधिक है, तो वह कर्मचारी पर निर्भर करता है कि उसका पीएफ कटेगा या नहीं। हालांकि जिनका पीएफ पहले से कटता आ रहा है, और उसकी सैलरी 15000 से अधिक है, तो भी कंपनी को उसका पीएफ काटना होगा।

ईपीएफओ के अनुसार “पहले से पीएफ सदस्य होने पर, कर्मचारी पीएफ के दायरे में रहेगा, चाहे उसकी सैलरी 15000 रुपए से अधिक ही क्यों न हो।” वहीं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने यह भी बताया कि अगर कंपनी और कर्मचारी चाहे तो वह दोनों मिलकर 5000 रुपए से अधिक सैलरी वाला व्यक्ति भी स्वेच्छा से PF में शामिल हो सकता है। हालांकि उसके लिए ईपीएफओ कार्यालय में 6 महीने के भीतर एक फॉर्म जमा करना होगा। जिसमे कंपनी भी सहमति होना अनिवार्य है।

कर्मचारियों के पास क्यों होना चाहिए पीएफ अकाउंट

गौरतलब है कि पीएफ की सुविधा को खासतौर पर प्राइवेट कर्मचारियों के लिए बनाया गया था। ऐसा इसलिए क्योंकि कम सैलरी होने के कारण प्राइवेट कर्मचारी को भविष्य में बचत करने के लिए मुश्किलें होती है। यही कारण है कि केंद्र सरकार और ईपीएफओ की तरफ से नियम में बदलाव किया गया है, ताकि बड़ी संख्या में कर्मचारियों को लाभ मिल सके। मालूम हो कि हर महीने कर्मचारियों की सैलरी और कंपनी का कुछ हिस्सा पीएफ में जमा होता है, जो भविष्य के लिए जमा होता है।

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