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Mamata Banerjee: SIR 2025 पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का केंद्र सरकार को अल्टीमेटम, महिलाओं से की ये खास अपील; जानें सबकुछ

Mamata Banerjee: एसआईआर को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। विपक्षी पार्टियां लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर नजर आ रही है।

Mamata Banerjee
Mamata Banerjee - फाइल फोटो

Mamata Banerjee: एसआईआर को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। विपक्षी पार्टियां लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर नजर आ रही है। बता दें कि सबसे अधिक विवाद पश्चिम बंगाल और उत्तरप्रदेश में मचा हुआ है। मालूम हो कि अगले साल शुरू में ही पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव होने है, तो वहीं 2027 में उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव होना है। कृष्णानगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि “क्या आप ‘श्रीमान’ के नाम पर माताओं और बहनों के अधिकार छीन लेंगे? चुनाव के दौरान दिल्ली से पुलिस बुलाकर माताओं और बहनों को डराया-धमकाया जाएगा”। इसके अलावा उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट से नाम काटा जाएगा तो वह धरना प्रदर्शन करेंगी।

Mamata Banerjee का केंद्र सरकार को अल्टीमेटम

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक कृष्णानगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि “क्या आप ‘एसआईआर’ के नाम पर माताओं और बहनों के अधिकार छीन लेंगे? चुनाव के दौरान दिल्ली से पुलिस बुलाकर माताओं और बहनों को डराया-धमकाया जाएगा। माताओं और बहनों, अगर आपके नाम काट दिए गए, तो आपके पास हथियार तो हैं ना?

खाना बनाते समय इस्तेमाल होने वाले हथियार। आपके पास ताकत है ना? अगर आपके नाम काट दिए गए, तो आप इसे बर्दाश्त नहीं करेंगी ना? महिलाएं आगे बढ़कर लड़ेंगी और पुरुष उनके पीछे खड़े रहेंगे। मैं सांप्रदायिकता में विश्वास नहीं करता। मैं धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करता हूं। जब भी चुनाव आते हैं, भाजपा पैसे का इस्तेमाल करके और दूसरे राज्यों से लोगों को लाकर जनता को बांटने की कोशिश करती है।”

चुनाव आयोग ने इन राज्यों में बढ़ाई में बढ़ाई एसआईआर की समय सीमा

चुनाव आयोग ने पांच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में एसआईआर जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। उत्तर प्रदेश में नई समय सीमा 26 दिसंबर है। तमिलनाडु और गुजरात में यह समय सीमा 14 दिसंबर है। अंडमान और निकोबार, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के लिए यह समय सीमा 18 दिसंबर तय की गई है। इस वृद्धि के साथ ही ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी होने की अवधि भी बढ़ा दी गई है. आयोग ने यह फैसला सुनिश्चित करने के लिए लिया है कि सभी पात्र नागरिकों के नाम सूची में शामिल हों। यानि पात्र नागिरकों को किसी प्रकार की समस्या होती है, तो वह इसकी शिकायत चुनाव आयोग को कर सकते है।

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