Expressways: भारत में सड़क बुनियादी ढांचे का तेजी से विस्तार हो रहा है, और एक्सप्रेसवे इसके विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 30 उभरते शहरों में भूमि की कीमतों में 2035 तक 5.2 गुना तक वृद्धि देखने को मिल सकती है। यह वृद्धि एक्सप्रेसवे के विकास और बेहतर कनेक्टिविटी के कारण हो रही है, खासकर छोटे शहरों और माइक्रो-मार्केट्स में।
विकास के लिए इन प्रमुख शहरों में हो रहा है Expressways का निर्माण
कोलियर्स की रिपोर्ट के अनुसार, नागपुर ने 701 किमी लंबे समृद्धि महामार्ग Expressways के संचालन के कारण निवेश के लिए सबसे शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। इस एक्सप्रेसवे ने न केवल कनेक्टिविटी में सुधार किया है, बल्कि नागपुर को भारत के रियल एस्टेट मार्केट में अग्रणी बना दिया है। जयपुर, लखनऊ और अहमदाबाद जैसे अन्य शहर भी एक्सप्रेसवे के साथ अपनी रणनीतिक स्थिति के कारण उच्च विकास क्षमता दिखा रहे हैं।
निवेश के लिए प्रमुख उभरते माइक्रो-मार्केट्स
रिपोर्ट में 30 टियर-2 शहरों के कई माइक्रो-मार्केट्स का उल्लेख किया गया है, जिनमें भूमि की कीमतों में 2035 तक 5.2 गुना तक वृद्धि होने की संभावना है। अहमदाबाद (शेला), आगरा (शास्त्रीपुरम), जयपुर (अजमेर रोड) और लखनऊ (रायबरेली रोड) जैसे शहर उन क्षेत्रों में शामिल हैं जहां भूमि मूल्य में जबरदस्त वृद्धि की उम्मीद है। इन क्षेत्रों में बेहतर बुनियादी ढांचा और कनेक्टिविटी के कारण निवेश के बेहतरीन अवसर उपलब्ध हैं।
Expressways का शहरी विकास पर प्रभाव
एक्सप्रेसवे का विस्तार सिर्फ यात्रा का समय कम करने के बारे में नहीं है, बल्कि यह शहरी विकास को भी बढ़ावा दे रहा है। भूतपूर्व जैसे परियोजनाओं के तहत एक्सप्रेसवे और हाईवे के विकास ने इन क्षेत्रों को रियल एस्टेट हॉटस्पॉट्स में बदल दिया है। बेहतर कनेक्टिविटी व्यवसायों, निवेशों और आवासीय विकास को आकर्षित करती है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में विकास का सिलसिला शुरू होता है। जैसे-जैसे Expressways भारतीय शहरों को नया रूप दे रहे हैं, आने वाला भविष्य उभरते बाजारों में निवेशकों के लिए काफी आशाजनक है। निवेश का यह सही समय है, क्योंकि 2035 तक भारी लाभ की उम्मीद है।