Wednesday, December 11, 2024
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Hindenburg विवाद के बाद, Gautam Adani पर लगा धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप, शेयरों में भारी गिरावट; Congress का तंज; जानें डिटेल

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Parliament Winter Session: सदन में आज अडानी-अडानी के नारे गूंज रहे हैं। शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) के दौरान विपक्ष 'अडानी' मुद्दे पर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश में है।

Gautam Adani: अमेरिका की एक कोर्ट ने दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक Gautam Adani पर धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप लगाया है और मामला दर्ज कर लिया है। बता दें कि इस खबर के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। मालूम हो कि इससे पहले भी अडानी Hindenberg विवाद में फंस चुके है। इसकी बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने एक्स हैंडल के माध्यम से इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है । चलिए आपको समझाते की क्या है पूरा मामला

Hindenburg विवाद के बाद Gautam Adani पर अमेरिका में धोखाधड़ी का केस दर्ज

मालूम हो कि कुछ महीनों से लगातार अमेरिकी रिसर्च बेस्ड कंपनी Hindenburg द्वारा Gautam Adani पर गंभीर आरोप लगाया जा रहा है। Hindenburg ने तो यहां तक दावा किया था कि मनी लॉन्डिंग और फ्रॉड की जांच के तहत स्विस बैंक में जमा गौतम अडानी के 2600 करोड़ रूपये को फ्रिज कर दिया है। वहीं अब अमेरिका की एक अदालत ने Gautam Adani पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कर लिया गया है। जिसके बाद Congress ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

संगीन आरोपों के तहत अमेरिका में गौतम अडानी के खिलाफ केस दर्ज

जानकारी के मुताबिक अमेरिका के न्यूयॉर्क के एक न्यायलय ने Gautam Adani और उनके अन्य सहयोगियों के खिलाफ धोखाधड़ी और रिश्वत देने का मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी के मुताबिक कोर्ट का गौतम अडानी और उनके सहयोगियों द्वारा सोलर एनर्जी से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करीब 2110 करोड़ रूपये देने का आरोप है। बता दें कि कथित तौर पर 2110 करोड़ रूपये देने का मकसद बड़े- बडे सोलर एनर्जी हासिल करने के लिए दी गई थी।

वहीं यह केस अमेरिका में इसलिए दर्ज किया गया क्योंकि बड़ी मात्रा में अमेरिका के निवेशकों के इन कॉन्ट्रैक्टों में पैसे लगे हुए है। Gautam Adani के अलावा विनीत एस जैन, रंजित गुप्ता, रूपेश अग्रवाल,दीपक मल्होत्रा, सौरभ अग्रवाल और सिरील कैबनीज़ को भी आरोपी बनाया गया है। हालांकि अडानी ग्रुप की तरफ से इसे लेकर किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई है।

अडानी ग्रुप के शेयरों में आई भारी गिरावट

बताते चले कि इस मामले के सामने आने के बाद से ही अडानी ग्रुप के शेयरों में भी भारी नुकसान हुआ है। अडानी ग्रुप के शेयरों में 10 से 20 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है। बता दें कि इससे पहले जब Hindenburg ने अडानी ग्रुप पर आरोप लगाया था उसके बाद भी शेयरों में भारी गिरावट देखी गई थी।

Congress का Gautam Adani पर तंज

इस मामले के सामने आने के बाद से ही विपक्षी पार्टियां ने BJP और गौतम अडानी पर तंज कसना शुरू कर दिया है। बता दें कि कांग्रेस सांसद Rahul Gandhi लगातार गौतम अडानी पर हमलावर नजर आते है। इसी बीच कांग्रेस नेता जय राम रमेश ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि “न्यूयॉर्क के पूर्वी ज़िले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय द्वारा गौतम अडानी और उनसे जुड़े अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाना उस मांग को सही ठहराता है जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जनवरी 2023 से विभिन्न मोदानी घोटालों की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) जांच के लिए कर रही है।

कांग्रेस ने हम अडानी के हैं कौन (HAHK) श्रृंखला में इन घोटालों के विभिन्न पहलुओं और प्रधानमंत्री एवं उनके पसंदीदा पूंजीपति के बीच के घनिष्ठ संबंधों को उजागर करते हुए 100 सवाल पूछे थे”।

AAP ने भी बीजेपी और गौतम अडानी पर साधा निशाना

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि “मोदी जी आपके दोस्त ने पूरी दुनिया में देश का नाम बदनाम किया है।

Gautam Adani पर अमेरिका में लगे गंभीर आरोप, भारतीय सरकारी अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने का है मामला”।

धोखाधड़ी के आरोपों के बाद अडानी ग्रुप ने दी प्रतिक्रिया

अमेरिका के एक कोर्ट द्वारा Gautam Adani पर लगाए गंभीर आरोपों के बाद अब अडानी ग्रुप ने अपना बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि “संयुक्त राज्य अमेरिका के न्याय विभाग और संयुक्त राज्य प्रतिभूति और विनिमय आयोग ने एक आपराधिक अभियोग जारी किया है और हमारे बोर्ड के सदस्यों, गौतम अडानी और सागर के खिलाफ, क्रमशः न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के लिए संयुक्त राज्य जिला न्यायालय में एक नागरिक शिकायत दर्ज की है।

अदानी संयुक्त राज्य अमेरिका के न्याय विभाग ने हमारे बोर्ड के सदस्य विनीत जैन को भी ऐसे आपराधिक अभियोग में शामिल किया है। इन घटनाक्रमों के आलोक में, हमारी सहायक कंपनियों ने वर्तमान में प्रस्तावित यूएसडी-मूल्य वाले बांड की पेशकश के साथ आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है।”

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