गुरूवार, मई 2, 2024
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अडानी ग्रुप की फिर बढ़ी चिंताएं, शेयरों में हेरफेर के लगे आरोप, समूह ने बताया आरापों को निराधार

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Vibrant Gujarat Global Summit 2024: Gautam Adani का बड़ा ऐलान, गुजरात में इतने लाख करोड़ का निवेश करेगी फर्म; जानें डिटेल

Vibrant Gujarat Global Summit 2024: गुजरात में आज से तीन दिवसीय वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के 10वें संस्करण का आयोजन किया गया है। पीएम मोदी ने आज अपने हाथों से गुजरात सरकार द्वारा आयोजित किए गए इस कार्यक्रम की शुरुआत की है। कार्यक्रम के शुरुआत के साथ ही गुजरात को निवेश के क्रम में बड़ी सौगात मिली है।

अडानी समूह (Adani Group) एक बार मुश्किलों में फंसता दिखाई दे रहा है। हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म के बाद अब (OCCRP) यानी ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट ने समूह पर शेयरों में गड़बड़ी करने के आरोप लगाए हैं और शेयरों को गलत तरीके से खरीदने-बेचने का दावा किया है। इस रिपोर्ट में कहा है कि अडानी समूह ने खुद अपने शेयरों को खरीदकर स्टॉक में निवेश करने का काम किया। बता दें इस रिपोर्ट में अड़ानी द्वारा मॉरिशस में किए गए ट्रांजैक्शन का भी जिक्र किया गया है। हालांकि, इस पूरे मामले के बाद अड़ानी समूह की तरफ से इन आरोपों को सिरे से खारिज किया गया है।

क्या कहा गया है रिपोर्ट में 

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अड़ानी समूह ने साल 2013 से लेकर 2018 तक गुमनाम तरीके से शेयर खरीदे और उनका मॉरिशस के अकाउंट में फेरबदल किया गया। इस दौरान इनके दो विदेशी निवेशक भी इस पूरे मामले में शामिल रहे। रिपोर्ट में कहा गया है समूह ने गलत तरीके से विदेशी निवेशकों के साथ शेयर खरीदने और बेचने का काम किया।

आरोपों पर अडानी समूह की प्रतिक्रिया

(OCCRP) यानी ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट के आरोपों पर समूह की तरफ से दी गई प्रतिक्रिया में कहा गया है कि रिपोर्ट में जितनी भी बातें लिखी गई हैं वह सभी निराधार हैं और इसके साथ विदेशी मीडिया का एक विशेष वर्ग अडानी समूह की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहा है। समूह की तरफ से कहा गया जिन आरोपों को इस रिपोर्ट में आधार में बनाया गया है। वह आज से 10 साल पुराने मामले हैं। यहां ध्यान रखने वाली बात है कि जिस संस्था नें अडानी समूह पर शेयरों में फेरबदल के आरोप लगाए हैं। उसे जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर्स ब्रदर के द्वारा फंडिंग दी जाती है। यह दोनों ही भाई अक्सर मोदी सरकार की आलोचना की वजह से चर्चा में आ जाते हैं।

जानें क्या है OCCRP

इस संस्था की स्थापना साल 2006 में अपराध और सिस्टेमेटिक करप्शन पर नकेल कसने के लिए की गई थी, इसकी स्थापना करने वाले लोगों में पत्रकार सुलिवान और बुल्गेरियाई पॉल रॉडू शामिल थे। इस संस्था का पहला मुख्यालय साराजोवो में खोला गया था, हालांकि, वर्तमान समय ये संस्था दुनियाभर के कई देशों में 150 से अधिक पत्रकारों के साथ मिलकर काम करती है।

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