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Gig Workers Strike: नए साल पर नहीं मिलेगा ऑनलाइन फूड और घर का सामान! गिग वर्कर्स के हड़ताल से त्योहार का रंग पड़ सकता है फीका; जानें सबकुछ

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Indore Viral Video: खुशीयों के पल को दुगना करने में खाना डिवीलर करने वाले कर्मियों की अहम भूमिका होती है। हालाेंकि, कभी-कभी कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो डिलीवरी बॉय के साथ बदसलूकी कर जाते हैं।

Gig Workers Strike: नए साल का जश्न थोड़ा फीका पड़ सकता है। दरअसल गिग वर्कस ने 25 दिसंबर और 1 जनवरी 2026 के दिन हड़ताल की घोषणा की थी। बता दें कि आज साल का अंतिम दिन है और कल यानि 1 जनवरी से नए साल की शुरूआत हो जाएगी। इसी बीच कल के दिन क्विक कॉमर्स ऐप पर से कोई ऑर्डर नहीं पहुंच पाएगा।

यानि 1 जनवरी को ना ही कोई फूड ऑर्डर मिल सकेगा और ना हीं जैप्टो और अन्य डिलीवरी एप से ऑर्डर आ सकेगा। गिग वर्करों का आरोप है कि उन्हें डिलिवरी के लिए मिलने वाले आर्डर पर पेमेंट पहले के मुकाबले तकरीबन आधा कर दी गई है। इसके अलावा भी डीलीवरी बॉय कई चीजों की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे है। चलिए आपको बताते है इससे जुड़ी सभी अहम जानकारी।

Gig Workers Strike से बढ़ सकती है लाखों लोगों की परेशानी

जानकारी के मुताबिक भारत भर में गिग वर्कर्स द्वारा राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा के कारण 31 दिसंबर को खाद्य, किराना और ई-कॉमर्स डिलीवरी में देरी हो सकती है।श्रमिक संघों द्वारा बुलाए गए इस विरोध प्रदर्शन में स्विगी, ज़ोमैटो, ज़ेप्टो, ब्लिंकइट, अमेजन और फ़्लिपकार्ट जैसे प्लेटफॉर्म के डिलीवरी पार्टनर शामिल हैं।

वे वेतन, सुरक्षा, कार्य घंटे और सामाजिक सुरक्षा को लेकर चिंता जता रहे हैं। माना जा रहा है कि इससे लाखों लोगों की परेशानी हो सकती है। मालूम हो कि 31 दिसंबर और नए साल के मौके पर बड़ी संख्या में फूड और ग्रॉसरी का ऑर्डर करते है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। उन्हें खुद मार्केट जाना पड़ सकता है। गौरतलब है कि बड़े अपार्टमेंट में रहने वाले ज्यादातर ऑनलाइन ही फूड मंगवाते है।

इस वजह से हड़ताल पर है डिलीवरी बॉय

बता दें कि डिलीवरी बॉय कुछ मांगों को लेकर हड़ताल पर है। गिग वर्कर्स का आरोप है कि गिग वर्करों का आरोप है कि उन्हें डिलिवरी के लिए मिलने वाले आर्डर पर पेमेंट पहले के मुकाबले तकरीबन आधा कर दी गई है। डीलीवरी के दौरान दूरी और उसमें लगने वाले वक्त के हिसाब से मिलने वाले इंसेंटिव को भी कम किया गया। आरोप है कि कंपनियां समान दूरी के बावजूद मनमानी कर इंसेंटिव को जब चाहें बदल देती हैं। इससे कमाई घट गई है। इसके साथ ही डिलीवर बॉय को 18-18 घंटे काम करना पड़ता है। इसके अलावा हादसे का शिकार होने की स्थिति में किसी प्रकार का मेडिकल या लाइफ इंश्योरेंस भी नहीं मिलता।

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