सोमवार, सितम्बर 29, 2025
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Income Tax News: क्या बढ़ जाएगी ITR दाखिल करने की समय सीमा? इस वजह से करदाताओं ने खोला मोर्चा; इन चीजों को भूल कर भी ना करें इग्नोर

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Income Tax News: आईटीआर दाखिल करने के लिए अब अंतिम 4 दिन का समय रह गया है। करोड़ों करदताओं ने अपना आईटीआर दाखिल कर दिया है, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे टैक्सपेयर्स है, जिन्हें रिटर्न दाखिल करने में समस्या आ रही है, यही कारण है कि अब करदाता ITR दाखिल करने की अंतिम तारीख को बढ़ाने की मांग कर रहे है। बता दें कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर 2025 है। हालांकि टैक्सपेयर्स को आईटीआर दाखिल करते वक्त कुछ चीजों का ध्यान रखना होगा, नहीं तो हो सकता है कि उनका रिटर्न कैंसिल हो जाए, चलिए आपको बताते है इससे जुड़ी सभी अहम जानकारी।

क्या बढ़ जाएगी ITR दाखिल करने की समय सीमा?

बता दें कि आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा समाप्त होने में महज 4 दिन का ही समय बच गया है। लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे करदाता है, जिन्होंने अपना रिटर्न दाखिल नहीं किया है। इसके अलावा बड़ी संख्या में रिटर्न दाखिल करते वक्त लोगों को कई प्रकार की दिक्कतें आ रही है। दरअसल व्यक्तिगत करदाताओं और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का कहना है कि पोर्टल की गड़बड़ियों, आईटीआर प्रोसेसिंग में देरी और आईटीआर रिफंड स्टेटस की समस्याओं के कारण लोगों को आयकर रिटर्न दाखिल करने में दिक्कत आ रही है।

इसी वजह से वे सरकार से और समय की मांग कर रहे हैं ताकि फाइलिंग बिना किसी गलती के पूरी हो सके। यहीं कारण है कि बड़ी संख्या में करदाता समय सीमा को बढ़ाने की मांग कर रहे है।

रिटर्न दाखिल करते वक्त इन चीजों को भूल कर भी ना करें इग्नोर

बता दें कि आईटीआर दाखिल करने के बाद बड़ी संख्या में ऐसे करदाता भी होते है, जिनका रिटर्न कैंसिल हो जाता है। इसलिए टैक्पेयर्स को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे-

  • गलत आईटीआर फॉर्म का चयन करना – करदाताओं द्वारा की जाने वाली एक आम गलती गलत टैक्स रिटर्न फॉर्म चुनना है। असमंंजस की स्थिति मेंं करदाताओंं को सीए या एक्सपर्ट की जानकारी लेनी चाहिए।
  • आईटीआर में विदेशी संपत्ति का खुलासा न करना– करदाताओं के बीच विदेशी संपत्ति का खुलासा न करना भी आम बात है। कुछ समय पहले, आयकर विभाग ने करदाताओं को विदेशी संपत्ति का खुलासा करने के लिए प्रेरित किया था। आयकर विभाग करदाताओंं पर भारी भरखम जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • एक से ज़्यादा नियोक्ताओं से प्राप्त फ़ॉर्म 16 – ऐसी स्थिति हो सकती है जहाँ वेतनभोगी करदाता एक से ज़्यादा नियोक्ताओं के लिए काम करते हों। ऐसी स्थिति में, एक से ज़्यादा फ़ॉर्म 16 होंगे, और करदाताओं को सभी नियोक्ताओं से प्राप्त कुल आय की जानकारी देनी होगी।

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