PM-Surya Ghar Yojana: भारत सरकार ने हाल ही में PM-Surya Ghar Muft Bijli Yojana के तहत छत पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस पहल का उद्देश्य उपभोक्ताओं के लिए सौर ऊर्जा को अधिक सुलभ और किफायती बनाना है, ताकि वे आसानी से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग कर सकें। साथ ही केरल समेत कई राज्यों में इसका सबसे ज्यादा इंस्टॉलेशन किया गया है।
इन राज्यों में हुआ PM-Surya Ghar Yojana के सबसे ज्यादा इंस्टॉलेशन
छत पर सौर संयंत्रों की सबसे अधिक मांग 3-5 kW लोड खंड के लिए रही है, जो कुल स्थापना का 77% है। राज्य जैसे गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और केरल में सबसे अधिक इंस्टॉलेशन हुए हैं। इसके अलावा, अब तक 1.45 करोड़ रजिस्ट्रेशन किए जा चुके हैं, जो नवीकरणीय ऊर्जा समाधान अपनाने में बढ़ती रुचि को दर्शाता है। PM-Surya Ghar Muft Bijli Yojana के तहत 40% तक की सब्सिडी भी प्रदान की जाती है, जिससे योग्य घरों के लिए सौर ऊर्जा प्रणाली में निवेश करना आसान हो जाता है और यह एक हरा-भरा और अधिक स्थायी भविष्य सुनिश्चित करने में मदद करता है।
क्या है केंद्र सरकार की नई RESCO और ULA मॉडल
गौरतलब है कि पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत केंद्र सरकार ज्यादा से ज्यादा घरों में PM-Surya Ghar Yojana के तहत छतों पर सोलर लगाने पर जोर दे रही है। इस बीच केंद्र सरकार ने नई RESCO और ULA मॉडल लेकर आई है, पहला पहला RESCO मॉडल (Renewable Energy Service Company) है, जिसमें तृतीय-पक्ष संस्थाएँ छत पर सौर ऊर्जा संयंत्रों में निवेश करती हैं। इस मॉडल में उपभोक्ता केवल उस बिजली के लिए भुगतान करते हैं, जो वे उपयोग करते हैं, और उन्हें स्थापना के लिए अग्रिम भुगतान नहीं करना पड़ता।
दूसरा मॉडल उपयोगिता-आधारित एकत्रीकरण (ULA) है, जिसमें बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम्स) या राज्य द्वारा नामित संस्थाएँ व्यक्तिगत गृहस्थी के लिए सौर परियोजनाओं की स्थापना का कार्य करती हैं। ये मॉडल उपभोक्ताओं को अधिक लचीलापन प्रदान करते हैं, जिससे सौर ऊर्जा अपनाने की बाधाएं कम होती हैं।
2027 तक 1 करोड़ घरों का लक्ष्य
बता दें कि केंद्र सरकार ने साल 2027 तक PM-Surya Ghar Yojana के तहत 1 करोड़ घरों को इसका लाभ देने की योजना बनाई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना है। फरवरी 2024 में लॉन्च होने के बाद, इस योजना ने महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है। 75021 करोड़ रुपये के बजट के साथ, इस योजना ने अब तक 685763 स्थापना की हैं, जो पिछले दशक के लक्ष्य का 86% है।