RBI Monetary Policy: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर इसे 6.25% कर दिया है। यह फैसला रियल एस्टेट सेक्टर के लिए राहत भरा है, क्योंकि इससे होम लोन सस्ता होगा और घर खरीदारों को प्रॉपर्टी में निवेश करने का अच्छा मौका मिलेगा। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है और वह आर्थिक विकास को बनाए रखते हुए महंगाई को नियंत्रण में रखने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
रियल एस्टेट इंडस्ट्री ने फैसले का किया स्वागत
RBI Monetary Policy के नतीजों के बाद रियल एस्टेट एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कटौती सरकार के हालिया आर्थिक सुधारों के साथ मिलकर बाजार को और मजबूती देगी। क्रेडाई नेशनल के अध्यक्ष बोमन ईरानी ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा, “यह फैसला बजट 2025 में घोषित उपायों को समर्थन देगा, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।” उन्होंने यह भी बताया कि इससे पहले सीआरआर में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई थी, जिससे बैंकिंग सिस्टम में अतिरिक्त फंड आया है।
RBI Monetary Policy के नतीजों के बाद होम लोन रेट और हाउसिंग डिमांड पर असर
ब्याज दरों में कमी से होम लोन सस्ता होगा, जिससे आम लोगों के लिए घर खरीदना आसान हो जाएगा। नेरेडको के चेयरमैन डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने इस फैसले को महत्वपूर्ण करार दिया।उन्होंने कहा, “महंगाई अब नियंत्रण में है, वित्तीय घाटा संतुलित है और आर्थिक विकास स्थिर गति से आगे बढ़ रहा है। ऐसे में रेपो रेट में कटौती भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती का संकेत देती है।”हीरानंदानी ने यह भी कहा कि बजट 2025 में मिडिल क्लास के लिए घोषित टैक्स बेनेफिट्स और इस नीति में बदलाव से हाउसिंग मार्केट को और रफ्तार मिलेगी।
सस्ते घरों की मांग को मिलेगा बढ़ावा
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल का मानना है कि इस फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर में नई ऊर्जा आएगी। उन्होंने कहा, “ब्याज दरों में कटौती से होम लोन की दरें और आकर्षक होंगी, जिससे खासतौर पर 50 लाख तक की प्रॉपर्टी की मांग बढ़ेगी, जहां हाल के समय में सुस्ती देखी जा रही थी।” उन्होंने उम्मीद जताई कि बैंक इस राहत को ग्राहकों तक पहुंचाएंगे, जिससे हाउसिंग सेगमेंट में सुधार होगा।
RBI Monetary Policy में कई बड़े ऐलान के बाद आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
मई 2020 के बाद यह पहली बार है जब RBI ने रेपो रेट में कटौती की है। इससे बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ेगी और इंफ्रास्ट्रक्चर एवं हाउसिंग जैसे प्रमुख सेक्टर्स को फायदा होगा। कम ब्याज दरों से घर खरीदने वालों का विश्वास बढ़ेगा और बाजार की स्थिति में सुधार होगा। आने वाले महीनों में रियल एस्टेट सेक्टर में तेज़ी आने की उम्मीद है।