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RBI Monetary Policy: खुशखबरी! आरबीआई के नए गवर्नर Sanjay Malhotra का बड़ा तोहफा, रेपो रेट में भारी कटौती; जानें मीटिंग की प्रमुख बातें

RBI Monetary Policy: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मीडिल क्लास को बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में कटौती की है।

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RBI Monetary Policy
फाइल फोटो प्रतीकात्मक

RBI Monetary Policy: आरबीआई के नए गवर्नर Sanjay Malhotra ने मीडिल क्लास लोगों को बड़ा तोहफा देते हुए रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया है। सबसे खास बात यह है कि इस पूरे 5 साल बाद रेपो रेट में कटौती की गई है, इसके अलावा RBI Monetary Policy मीटिंग के बाद गवर्नर ने अगले साल के लिए जीडीपी ग्रोथ 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा हाल ही में आज बजट पेश किया गया था। जहां मीडिल क्लास लोगों के लिए 12 लाख तक की कमाई पर इनकम टैक्स छूट दी गई है।

RBI Monetary Policy की मीटिंग के बाद रेपो रेट में 0.25 की कटौती

आरबीआई गवर्नर Sanjay Malhotra ने मीडिल क्लास को बड़ी खुशखबरी देते हुए रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की गई है। जिसके बाद रेपो रेट 6.25 प्रतिशत पहुंच गया है। गौरतलब है कि रेपो रेट कम होने के बाद लोगों को सस्ते लोन मिले सकेंगे।

गौरतलब है कि आरबीआई गवर्नर ने वैश्विक आर्थिक चुनौतियों पर प्रकाश डाला हालांकि इस दौरान उन्होंने अगले साल के जीडीपी ग्रोथ का भी अनुमान जताया।

GDP ग्रोथ 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान

आपको बात दें कि RBI Monetary Policy के बाद जारी नतीजों पर Sanjay Malhotra ने जीडीपी ग्रोथ पर भी प्रकाश डाला है। वित्त वर्ष 2026 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 6.57%, अप्रैल-जून तिमाही – 6.7%, जुलाई – सितंबर – 7%, अक्टूबर-दिसंबर 6.5%, जनवरी-मार्च – 6.5%, रहने का अनुमान जताया है। इसकी अलावा अगर खुदरा महंगाई दर की बात करें तो यह वित्त वर्ष 2025 के लिए 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। आरबीआई गवर्नर के अनुसार व्यावसायिक उम्मीदें सकारात्मक बनीं हुई है और सर्विसेज अच्छी बनी हुई है, ग्रामीण मांग में तेजी का रूख है।

RBI Monetary Policy नतीजे पर क्या बोले संजय मल्होत्रा

RBI Monetary Policy पर बयान देते हुए, आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​ने कहा कि, “विश्व बैंक के अनुसार, 129.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुमानित प्रवाह के साथ भारत वैश्विक स्तर पर प्रेषण का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बना हुआ है – पिछले कैलेंडर वर्ष 2024 में। इस वर्ष के लिए चालू खाता घाटा स्थायी स्तर के भीतर अच्छी तरह से रहने की उम्मीद है।

इस वर्ष 31 जनवरी तक, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 630/प्लस बिलियन अमेरिकी डॉलर था। गौरतलब है कि नए गवर्नर संजय मल्होत्रा का यह पहला आरबीआई मॉनिटरिंंग पॉलिसी की मीटिंग थी।

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