US-China Tariff War: यह कहना गलत नहीं होगा कि अब दुनिया में ट्रेड वॉर शुरू हो चुका है, जिसका असर पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है, इसी बीच दुनिया के दो सबसे ताकतवर देेश अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर शुरू हो चुका है। मालूम हो कि अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump के टैरिफ ऐलान के बाद चीन ने भी पलटवार करते हुए यूएस पर 34 प्रतिशत टैरिफ बढ़ा दिया था। जिसके बाद ट्रंप आग बबूला हो गए और उन्होंने चीन को धमकी दे डाली की अगर वह 24 घंटे के अंदर टैरिफ कम नहीं करते है तो यूएस उनपर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा देगा। मालूम हो कि US-China Tariff War ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।
US-China Tariff War के बीच Donald Trump ने चीन को दी धमकी
बता दें कि चीन द्वारा अमेरिका पर 34 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद Donald Trump ने Xi Jinping सरकार को खुले आम चेतावनी दे दी है। बीते दिन मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि
“चीन ने मेरे बयान के विपरीत 34 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जो पहले से लगाए गए हास्यास्पद टैरिफ से अधिक है। मैंने कहा कि अगर कल 12 बजे तक टैरिफ नहीं हटाया जाता है, तो हम पहले से लगाए गए टैरिफ से 50 प्रतिशत अधिक टैरिफ लगाएंगे।” जिसके बाद दोनों देशों के बीच माहौल पूरी तरह से गरमा गय है। वहीं चीन की Xi Jinping सरकार ने अमेरिका की ओर से की जा रही “ब्लैकमेल” के आगे झुकने से इनकार कर दिया।
Xi Jinping सरकार ने डोनाल्ड ट्रंप की धमकी का दिया जवाब
US-China Tariff War के बीच चीन ने भी अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति की धमकी के बाद भी चीन ने चीन ने अमेरिका की ओर से “ब्लैकमेल” कहे जाने वाले कदम के आगे झुकने से इनकार कर दिया। चीनी मंत्रालय ने कहा कि चीन ने जो जवाबी कार्रवाई की है, उसका उद्देश्य अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा करना है। साथ ही, सामान्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था को बनाए रखना है।
US-China Tariff War के बीच क्या है भारत का रूख
गौरतलब है कि इस टैरिफ वॉर का हल बातचीत और कूटनीतिक तरीकें से निकाल रहा है, जिसका असर भी देखने को मिल रहा है। इसी बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि “आज SecRubio से बात करके अच्छा लगा। इंडो-पैसिफिक, भारतीय उपमहाद्वीप,
यूरोप, मध्य पूर्व/पश्चिम एशिया और कैरिबियन पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ। द्विपक्षीय व्यापार समझौते के शीघ्र समापन के महत्व पर सहमति हुई। संपर्क में बने रहने की आशा है”। मालूम हो कि अमेरिका और भारत के बीच इस मामले में लगातार बातचीत जारी है।