मंगलवार, मई 7, 2024
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New Parliament Inauguration: नए संसद भवन पर आगबबूला हुआ विपक्ष, उद्घाटन में नहीं आने का किया ऐलान, इन पार्टियों ने किया किनारा

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Lok Sabha Election 2024: देश के विभिन्न हिस्सों में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी पारा लगातार चढ़ता नजर आ रहा है।

New Parliament Inauguration: देश के नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को होगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। PM मोदी विधिवत रूप से इसका उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन समारोह के लिए विभिन्न पार्टियों को न्योता भी भेजा गया है। लेकिन, 19 विपक्षी पार्टियों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। इसमें कांग्रेस समेत कई बड़ी पार्टियां शामिल हैं। इस संबंध में सभी पार्टियों ने संयुक्त बयान जारी किया है।

सरकार के खिलाफ जारी रहेगी लड़ाई

बयान में कहा गया है कि लोकतंत्र की आत्मा को संसद से निष्कासित कर दिया गया है। हमें इस इमारत में कोई मूल्य नहीं दिखता है। इसलिए हम नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है। नया संसद भवन सदी में एक बार आने वाली महामारी के दौरान बड़े खर्च पर बनाया गया है, जिसमें भारत के लोगों या सांसदों से कोई परामर्श नहीं किया गया है, जिनके लिए बनाया जा रहा है। हम इस निरंकुश प्रधानंमत्री और उनकी सरकार के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।

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राष्ट्रपति पद का हुआ अपमान

इसमें संसद भवन के उद्घाटन को महत्वपूर्ण अवसर बताते हुए कहा गया है कि सरकार लोकतंत्र को खतरे में डाल रही है और निरंकुश तरीके से नई संसद का निर्माण किया गया है। बावजूद इसके, हम इस महत्वपूर्ण अवसर पर अपने मतभेदों को दूर करने को तैयार थे। लेकिन जिस तरह से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए नई संसद बिल्डिंग का उद्घाटन प्रधानमंत्री से कराने का निर्णय लिया गया, वह राष्ट्रपति पद का न केवल अपमान है, बल्कि लोकतंत्र पर सीधा हमला है।

राष्ट्रपति को बताया संसद का अभिन्न अंग

संविधान के अनुच्छेद 19 का हवाला देते हुए बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति न केवल भारत में राज्य का प्रमुख होता है, बल्कि संसद का एक अभिन्न अंग भी होता है। वह संसद को बुलाते हैं, सत्रावसान करते हैं और संबोधित करते हैं। संक्षेप में, राष्ट्रपति के बिना संसद कार्य नहीं कर सकती है। फिर भी प्रधानमंत्री ने उनके बिना नए संसद भवन उद्घाटन करने का फैसला लिया है। यह अशोभनीय कृत्य राष्ट्रपति के उच्च पद का अपमान है और संविधान के पाठ और भावना का उल्लंघन है।

इन पार्टियां ने किया किनारा

1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2. द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके)
3. आम आदमी पार्टी
4. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)
5. समाजवादी पार्टी
6. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई)
7. झारखंड मुक्ति मोर्चा
8. केरल कांग्रेस (मणि)
9. विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची
10. राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी)
11. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी)
12. जनता दल (यूनाइटेड) (जेडीयू)
13. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी)
14. भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीआईएम)
15. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी)
16. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग
17. नेशनल कांफ्रेंस
18. रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी
19. मारुमलार्थी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके)

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Brijesh Chauhan
Brijesh Chauhanhttps://www.dnpindiahindi.in
बृजेश बीते 4 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। इन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में M.A की पढ़ाई की है। यह कई बड़े संस्थान में बतौर कांटेक्ट एडिटर के तौर पर काम कर चुके हैं। फिलहाल बृजेश DNP India में बतौर कांटेक्ट एडिटर पॉलिटिकल और स्पोर्ट्स डेस्क पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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