Tuesday, May 20, 2025
Homeख़ास खबरेंAtul Subhash Suicide Case के बीच 'गुजारा भत्ता' को लेकर Supreme Court...

Atul Subhash Suicide Case के बीच ‘गुजारा भत्ता’ को लेकर Supreme Court ने अहम बिंदुओं का किया जिक्र! बेंच बोली ‘पति पर भार..,’

Date:

Related stories

Atul Subhash: देश की सर्वोच्च अदालत ने आज तालाक के मामलों में मिलने वाले ‘गुजारा भत्ता’ को लेकर बड़ी रेखा खींच दी है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की ओर से कुछ मानक पेश किए गए जिसके आधार पर एक तालाकशुदा महिला के लिए गुजारा भत्ता का ऐलान हुआ। ध्यान देने योग्य बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से कुछ अहम बिंदुओं का जिक्र उस दौर में हुआ है जब अतुल सुभाष (Atul Subhash) का मामला सुर्खियों में है। अतुल सुभाष सुसाइड केस (Atul Subhash Suicide Case) के बाद घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न से जुड़े कानून के दुरुपयोग पर चर्चा भी तेज है। सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में फैसला देने के साथ स्पष्ट किया है कि “पति पर भार नहीं दिया जा सकता। गुजारा भत्ता की राशि से जुड़े फैसले पत्नी के लिए सम्मानजनक जीवन स्तर सुनिश्चित करने के मकसद से दिए जाने चाहिए।”

Atul Subhash Suicide Case के बीच Supreme Court ने अहम बिंदुओं का किया जिक्र

सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिसंबर को प्रवीण बनाम अंजू (तलाक) मामले में पति प्रवीण को 5 करोड़ का भत्ता चुकाने का निर्देश दिया। इसके बाद कुछ पुराने मामलों में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की ओर से रेखांकित की गई बिंदुओं पर चर्चा हुई। राजनेश बनाम नेहा (2021) और किरण ज्योत मैनी बनाम अनीश प्रमोद पटेल (2024) के मामलों का जिक्र कर स्थायी गुजारा भत्ता की राशि तय करने की बात कही गई। इसके तहत पति-पत्नी का सामाजिक और आर्थिक स्तर, पत्नी और बच्चों की मूलभूत आवश्यकताएं, पति-पत्नी की योग्यताएं और रोजगार, पत्नी की आय व संपत्ति, परिवार के लिए पत्नी का त्याग, पत्नी के वकील की फीस व अन्य कानूनी खर्च के साथ पति की आर्थिक स्थिति, आय और जिम्मेदारियाों को आधार बनाया जाए।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस प्रसन्ना बी. वराले की बेंच ने स्पष्ट किया कि पति पर अतिरिक्त भार देना नहीं दिया जा सकता। उसकी वास्तविक स्थिति को ध्यान में रखा जाए।

अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद चर्चा में छाया ‘गुजारा भत्ता’

‘गुजारा भत्ता’ पर चर्चा अभी इसलिए छिड़ी है क्योंकि हाल ही में आईटी प्रोफेशनल अतुल सुभाष नामक शख्स ने पत्नी व ससुराल पक्ष पर प्रताड़ना का आरोप लगाकर आत्महत्या कर लिया है। अतुल सुभाष (Atul Subhash) सुसाइड केस के बाद दहेज अधिनियम, घरेलू हिंसा समेत कुछ कानूनों की समीक्षा करने की बात हो रही है। तमाम सोशल एक्टिविस्ट और कानून क्षेत्र के विशेषज्ञ अपने हिस्से की बात लगातार उठाने का काम कर रहे हैं।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

Latest stories