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Asaduddin Owaisi के गढ़ सीमांचल में आधार सैचुरेशन का खेल! AIMIM के दबदबे वाले मुस्लिम बहुल इलाकों में फर्जी आधार कार्ड पर BJP ने दागे सवाल

आधार सैचुरेशन को लेकर सीमांचल से एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है जिसने Bihar Politics का पारा चढ़ा दिया है। असदुद्दीन ओवैसी का गढ़ माने जाने वाले सीमांचल के मुस्लिम बहुल जिलों में अतिरिक्त आधार कार्ड होने की खबर है जिसको लेकर BJP हमलावर है।

Bihar Politics
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Bihar Politics: सियासी घटनाक्रमों का केन्द्र बिहार कैसे बन गया है ये किसी से छिपा नहीं है। बात चाहें चुनाव आयोग के सत्यापन अभियान की हो या बिहार बंद के दौरान आई तमाम तस्वीरों की, लोग खुद को रोक नहीं पा रहे और एक नजर जरूर देख रहे हैं। बिहार पॉलिटिक्स में आधार सैचुरेशन का एक खेल भी सामने आया है जिसका जुड़ाव असदुद्दीन ओवैसी का गढ़ माने जाने वाले सीमांचल इलाके से है। Bihar Politics में मुस्लिम बहुल इलाका किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार का महत्व खास हो गया है। यहां मुसलमानों की तादादा को देखते हुए AIMIM अपने पांव जमाने में जुटी है। हालांकि, इन्हीं इलाकों में आधार सैचुरेशन 100 फीसदी से अधिक है जो बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा को दर्शाता है। BJP नेता अमित मालवीय ने आधार सैचुरेशन के खेल से जुड़ी एक रिपोर्ट साझा करते हुए गंभीर सवाल दागे हैं।

सीमांचल में आधार सैचुरेशन के खेल से चढ़ा Bihar Politics का पारा!

चर्चित नेता अमित मालवीय के एक्स हैंडल से न्यूज 18 की एक रिपोर्ट साझा की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के सीमांचल इलाके में आधार सैचुरेशन 100 फीसदी से अधिक है। किशनगंज में जहां जहां आधार सैचुरेशन 126 फीसदी है, तो वहीं कटिहार में 123 फीसदी, अररिया में 123 फीसदी और पूर्णिया में ये 121 फीसदी है। अमित मालवीय की ओर से साझा की गई रिपोर्ट ने बिहार पॉलिटिक्स में नई चर्चा को जन्म दे दिया है। BJP का सवाल है कि सीमांचल में ये अतिरिक्त आधार कार्ड किसके लिए बनाए गए हैं और क्यों? कोई आधार सैचुरेशन से जुड़े खेल को घुसपैठ का कारण मानता है, तो किसी के लिए ये फर्जीवाड़ा है। Bihar Politics में इसकी गूंज तेज हो गई है कि आखिर मुस्लिम बहुल इलाके सीमांचल में ही हर 100 लोगों पर अतिरिक्त आधार कार्ड कैसे बन गए हैं? इसके पीछे मंशा क्या है?

सामान्य तौर पर जहां एक व्यक्ति पर एक ही आधार कार्ड होते हैं। वहां जनसंख्या से अधिक आधार कार्ड का होना Bihar Politics में कई संभावनाओं की ओर इशारा कर रहा है। सीमांचल वही इलाके है जहां असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी 5 विधानसभा सीट जीतने में सफल रही थी। वो बाद की बात है कि सभी AIMIM विधायक बाद में तेजस्वी यादव के राजद से जुड़ गए। यही वजह है कि बीजेपी असदुद्दीन ओवैसी समेत अन्य तमाम विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए गंभीर सवाल दाग रही है।

चुनाव आयोग के सत्यापन अभियान पर असदुद्दीन ओवैसी का तंज!

लंबा पोस्ट साझा करते हुए AIMIM सांसद ने चुनाव आयोग द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व चलाए जा रहे वोटर लिस्ट सत्यापन अभियान पर निशाना साधा है। असदुद्दीन ओवैसी का आरोप है कि केन्द्र, बिहार में पिछले दरवाजे से NRC लागू करने का काम करेगा। इससे बिहार के सबसे गरीब लोगों को शक्तिहीन बनाया जाएगा और उनकी नागरिकता से वंचित करने का रास्ता तैयार होगा। Bihar Politics का जिक्र करते हुए सांसद ओवैसी ने कहा है कि एक बार जब किसी का नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा, तो अगला कदम उनके बुनियादी नागरिक अधिकारों से वंचित करना होगा। असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव आयोग पर तंज कसते हुए वोटर लिस्ट सत्यापन अभियान को लोकतंत्र पर प्रहार बताया है। बिहार पॉलिटिक्स में उनके बयान की खूब चर्चा हो रही है।

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