Pappu Yadav: सियासी रण में बिहार सीएम घिरते नजर आ रहे हैं। प्रशांति किशोर से लेकर तेजस्वी यादव और पप्पू यादव तक जैसे नेता उन्हें जब चाहें लपेट दे रहे हैं। कोई गवर्नेंस का जिक्र कर Nitish Kumar को आड़े हाथों ले रहा है, तो कोई नए वक्फ अमेंडमेंट बिल के समर्थन पर बिहार सीएम को आईना दिखा रहा है। इस बीच सांसद पप्पू यादव हैं जिन्होंने JDU में Waqf Amendment Bill को लेकर उठ रहे बगावती सुरों पर तंज कसा है। Pappu Yadav ने बड़ा खुलासा करते हुए ये आरोप तक लगा दिया है कि बिहार में वोटिंग खत्म होने के बाद शाम 5 बजे से बीजेपी को नीतीश कुमार की जरूरत नहीं पड़ेगी। ऐसे में पप्पू यादव के दावों में कितना दम है और क्या JDU द्वारा वक्फ बिल को समर्थन देने का असर चुनाव में पड़ सकता है? इन्हीं तमाम सवालों के इर्द-गिर्द ये रिपोर्ट रखी जाएगी।
JDU में Waqf Amendment Bill को लेकर मची खलबली के बीच सांसद Pappu Yadav का खुलासा
सासंद पप्पू यादव ने बिहार सीएम को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि “नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति इस समय बहुत अच्छी नहीं है। उनकी पार्टी में 90 फीसदी नेता एससी/एसटी के खिलाफ हैं, लेकिन बीजेपी से जुड़े हुए हैं। जिस दिन बिहार में वोटिंग होगी, उस दिन शाम 5 बजे के बाद बीजेपी को नीतीश कुमार की जरूरत नहीं पड़ेगी। जेडीयू अब नीतीश जी के हाथ में नहीं है।” ये बातें Pappu Yadav ने तब कही हैं, जब वक्फ बिल को समर्थन देने के बाद JDU में बगावती सुर उठ रहे हैं और नेताओं का इस्तीफा जारी है।
क्या बिहार चुनाव के दौरान वक्फ अमेंडमेंट बिल बन सकता है मुद्दा?
ये बड़ा इसलिए उठ रहा है क्योंकि बिहार विधानसभा की लगभग 20 फीसदी सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं का सीधा प्रभाव है। 18 फीसदी मुस्लिम मतदाता राज्य की 243 में से 47 सीटों पर निर्णायक भूमिका मे हैं। यही वजह है कि पिछले विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी का जादू भी सीमांचल में चल गया था। ऐसे में ये स्पष्ट है कि Waqf Amendment Bill चुनावी मुद्दा बन सकता है। एक ओर बीजेपी इस बिल का जिक्र कर हिंदू मतदाताओं को लामबंद करने की कोशिश करेगी। वहीं RJD, कांग्रेस जैसे दल मुसलमानों को साधने की कोशिश में रह सकते हैं। सीमांचल से लेकर बिहार के अलग-अलग हिस्सों में जाकर Pappu Yadav इस बात का संकेत भी दे चुके हैं।
वक्फ बिल के मुद्दे पर बिहार में आर-पार की स्थिति!
ये एक ऐसा बिल है जिसने बिहार में आर-पार की स्थिति पैदा कर दी है। मुसलमानों के हिमायती माने जाने वाले Nitish Kumar का भी उनसे मोह भंग होता नजर आ रहा है। 2020 चुनाव के आंकड़े देखें तो स्थिति थोड़ी स्पष्ट होगी। JDU ने पिछले चुनाव में 11 मुस्लिम मतदाताओं को अपने टिकट पर चुनावी मैदान में उतारा था। हालांकि, इनमें एक भी उम्मीदवार को जीत नहीं मिली थी। यही वजह है कि अब नीतीश कुमार खुलकर खेल रहे हैं और मुसलमानों के विरोध के बावजूद Waqf Bill के समर्थन में हैं। वहीं Pappu Yadav और RJD के कई नेताओं ने लोकसभा से लेकर राज्यसभा तक इस बिल के विरोध में खूंटा गाड़ रखा था। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि JDU आंतरिक कलह के इस दौर से कैसे निपटती है और फिर चुनावी मैदान में उतरती है।